MP Cabinet Expansion : BJP कार्यकर्ता ने की आत्मदाह की कोशिश

BJP Workers : रमेश मेंदोला के समर्थकों में गुस्सा, मंदसौर में यशपाल सिंह सिसौदिया के पक्ष में धरना, पूर्व मंत्रियों के मोबाइल बंद

Publish: Jul 03, 2020, 06:30 AM IST

मध्यप्रदेश में कैबिनेट विस्तार होते ही बीजेपी में विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। कहीं वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी से उनके समर्थक दुखी हैं, तो कही पूर्व मंत्री रह चुके नेता नाराज हैं। कई विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने अपने मोबाइल ही बंद कर लिए हैं।  

इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला को मंत्री नहीं बनाने पर समर्थकों ने सड़क पर उतरने और पार्टी छोड़ने तक की धमकी दे डाली है। बीजेपी नेता रमेश मेंदोला के मंत्री नहीं बनने से दुखी सुमित हार्डिया ने बीजेपी कार्यालय के पास आत्मदाह की कोशिश की। सुमिता हार्डिया ने केरोसिन उड़ेल ली और आग लगाने की कोशिश की। इस दौरान वे रमेश मेंदोला के समर्थन में नारे लगाते रहे। वहां मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सुमिता हार्डिया को किसी तरह बचाया। रमेश मेंदोला 2008 से लगातार जीतते आ रहे हैं। इस बार मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन सिंधिया खेमे की वजह से वो मंत्री बनने से चूक गए।   

रायसेन में समर्थकों ने जताई नाराजगी

वहीं रायसेन में भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। सिलवानी से वरिष्ठ बीजेपी विधायक पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को मंत्री नहीं बनाये जाने पर जिले में बीजेपी कार्यकर्ताओं में मायूसी का माहौल देखने को मिला। रामपाल सिंह 6 बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। वहीं पूर्व मंत्री रहे सुरेंद्र पटवा को भी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से समर्थक दुखी हैं। सिलवानी, बेगमगंज, उदयपुरा, रायसेन, ओबेदुल्लागंज समेत जिले भर के बीजेपी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उपचुनाव में सुरखी और सांची में आगमी उपचुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिलहाल सुरेंद्र पटवा और रामपाल सिंह ने अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं।

 

मंदसौर में यशपाल सिसोदिया के समर्थकों ने दिया धरना

मंदसौर में विधायक यशपाल सिसोदिया को मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री बनाये जाने की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने धरना तक दिया। मंदसौर के आजाद चौक पर सिसोदिया समर्थकों ने बाकायदा पोस्टर भी लगा रखे थे। और सरकार से विनती की थी कि यशपाल सिसोदिया को मंत्री बनाया जाए।

दरअसल आगामी उपचुनावों में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की रणनीति के मद्देनजर ज्योतिरादित्य सिंधिया के चहेतों को मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। वहीं बीजेपी के पुराने नेताओं को कैबिनेट में कम भागीदारी से संतोष करना पड़ा है। बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के कारण कैबिनेट में चंबल क्षेत्र का दबदबा बढ़ा है ।

महाकौशल के दिग्गज नेता अशोक रोहाणी, अजय विश्नोई, संजय पाठक, गौरीशंकर बिसेन और देवी सिंह सैयाम जैसे नेताओं को जगह नहीं मिली। वहीं विंध्य से राजेंद्र शुक्ला और गिरीश गौतम जैसे वरिष्ठ नेता मंत्री बनने की बाट जोहते रह गए। कैबिनेट में सबसे ज्यादा जगह ग्वालियर संभाग को मिला है।