MP में पुलिस की कार्रवाई से हटेंगे उर्दू और फारसी के शब्द, सरल हिंदी शब्दों का होगा प्रयोग

दस्तयाब का मतलब समझ नहीं पाए थे सीएम शिवराज, पुलिस अधिकारियों को दी सरल हिंदी शब्दों के इस्तेमाल की सलाह, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हटेंगे ऐसे शब्द

Updated: Dec 04, 2021, 02:59 AM IST

भोपाल। नाम बदलने का अभियान थमने के बाद मध्य प्रदेश में भाषा और शब्दों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। सीएम शिवराज द्वारा दस्तयाब को मुगलकालीन शब्द बताने के बाद अब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है की ऐसे शब्दों को पुलिस कार्रवाई से हटाया जाएगा। मिश्रा के मुताबिक अब पुलिस कार्रवाई में भी उर्दू फ़ारसी के बजाए सरल हिंदी का इस्तेमाल किया जाएगा।

दरअसल, मध्य प्रदेश में आज भी दैनिक पुलिस कार्रवाई में उर्दू और फारसी के शब्द बड़े स्तर पर प्रयोग किए जाते हैं। बीते सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान, कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे। कॉन्फ्रेंस में एक पुलिस अधीक्षक ने गुमशुदा के संदर्भ में ‘दस्तयाब' शब्द का इस्तेमाल किया। तब मुख्यमंत्री इसका अर्थ समझ नहीं पाए। उन्होंने तत्काल इसे मुगलकालीन बताते हुए अधिकारी को टोका और सरल शब्दों का उपयोग करने की सलाह दी।

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सीएम के इस सलाह के बाद अब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि उर्दू और फारसी के ऐसे शब्द जो प्रचलन में नहीं हैं, उन्हें पुलिस कार्रवाई से हटाया जाएगा। मिश्रा के ऐलान के बाद अब माना जा रहा है कि दस्तयाब- गुम वस्तु का मिलना, पतारसी- चालान से पहले की प्रक्रिया, माल मसरुगा- लूटा गया माल, माल वाजयाफ्ता- माल जब्त होना जैसे कई शब्द थानों से हट जाएंगे। उर्दू-अरबी व फ़ारसी के ऐसे करीब 350 शब्द पुलिस की रोजमर्रा की कार्रवाई में अभी भी चल रहे हैं।

हत्या-बलात्कार का मतलब समझे भाजपा: सलूजा

सीएम शिवराज की सलाह और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के ऐलान को कांग्रेस ने सियासत करार दिया है। एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि, 'भाजपाइयों को इन शब्दों का मतलब समझने में 18 साल लग गए। बीजेपी को हत्या, बलात्कार का मतलब समझना था तो हालात सुधरते। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि कैसे मध्यप्रदेश अपराध के मामले में नंबर वन बनता जा रहा है। लेकिन ये इसपर अंकुश लगाने के बजाए मतलब समझने में समय खपा रहे हैं। यह सियासत है और कुछ नहीं।'