इंफाल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को परमिशन नहीं, कांग्रेस बोली- सरकार हमारी यात्रा से डर रही है

परमिशन नहीं मिलने के बाद कांग्रेस ने कहा कि हम किसी भी सूरत में यात्रा को रुकने या थमने नहीं देंगे। हम हर हाल में इस यात्रा को निकालेंगे और उसका आगाज मणिपुर से ही करेंगे।

Updated: Jan 10, 2024, 06:43 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 14 जनवरी से मणिपुर की राजधानी इंफाल से शुरू होने जा रही है। हालांकि, यात्रा शुरू होने से पहले ही इसमें विध्न पड़ने लगे हैं। इंफाल में यात्रा के लिए परमिशन नहीं मिली है। इसपर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार हमारी यात्रा से डर रही है। हालांकि, कांग्रेस ने यह भी कहा है कि यात्रा हर हाल में इम्फाल से शुरू होगी।

बुधवार को दिल्ली में पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल ने यात्रा का पैंफलेट लॉन्च किया। इस दौरान वेणुगोपाल ने कहा, 'हमें जानकारी मिली है कि मणिपुर सरकार ने इंफाल के पैलेस ग्राउंड में यात्रा से जुड़ी हमारी दरख्वास्त खारिज कर दी है...हम जब इस यात्रा को पूर्व से पश्चिम तक आयोजित कर रहे हैं, तब हम मणिपुर को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं? ऐसे में हम लोगों को क्या संदेश देंगे?'

बकौल वेणुगोपाल, 'हमें सिर्फ मणिपुर से यात्रा शुरू करने की जरूरत है। अब हम मणिपुर में किसी और जगह से यात्रा का आगाज करेंगे। जल्द ही इस बाबत और जानकारी दी जाएगी।' वेणुगोपाल ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने पहले ही कहा था कि हम यात्रा निकालेंगे। फिर भी वे (राज्य सरकार) इसके लिए क्यों मना कर रहे हैं? वे हमारी यात्रा से डर गए हैं, इसलिए उन्होंने परमिशन नहीं दी।

वहीं, पार्टी महासचिव जयराम रमेश की ओर से कहा गया कि यात्रा इंफाल से ही शुरू होगी। पैलेस ग्राउंड के अलावा किसी और के लिए अनुमती मांगी जा रही है। उम्मीद है कि मंजूरी दे दी जाएगी। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि एक वेबसाइट भी तैयार की गई है, जिसमें यात्रा से जुड़ी रोज की जानकरी अपडेट की जाएगी।

कांग्रेस नेताओं की ओर से यह भी बताया गया कि वे मोदी सरकार से लोहा लेने के लिए बनाए गए विपक्षी गठजोड़ इंडिया के साथियों को भी यात्रा के लिए न्यौता देंगे। जहां संभव हो सकेगा, वे ज्वॉइन करेंगे. हालांकि, विपक्षी नेताओं की इस यात्रा में मौजूदगी कितनी कारगर होगी? यह तो आने वाला समय ही बताएगा मगर इतना जरूर माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें बुलाकर एकजुटता का संकेत भी देना चाहेगी।