इंदौर 1 की जनता मुंहतोड़ जवाब देगी, 25 हजार वोटों से चुनाव हारेंगे कैलाश विजयवर्गीय: संजय शुक्ला

कैलाश विजयवर्गीय की उम्मीदवारी पर संजय शुक्ला ने कहा कि BJP के लिए यह दुर्भाग्य की बात है। जो व्यक्ति प्रदेशभर में टिकट बांटते थे, देश में तो कभी बंगाल में टिकट बांटते थे, अब उनको चुनाव लड़ना पड़ रहा है। यही बीजेपी की सबसे बड़ी हार है।

Updated: Sep 26, 2023, 07:37 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने रविवार को 39 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की जिसमें कई चौंकाने वाले नाम शामिल हैं। इस सूची में बीजेपी ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर 1 विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। विजयवर्गीय के कारण यह हॉट सीट बन गया है। उनके सामने अब कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला का रुख देखना दिलचस्प होगा।

कैलाश विजयवर्गीय की उम्मीदवारी के एक दिन बाद विधायक संजय शुक्ला का बयान सामने आया है। शुक्ला ने कहा कि इंदौर 1 की जनता कैलाश विजयवर्गीय को मुंहतोड़ जवाब देगी और मैं उन्हें 25 हजार मतों की अंतर से चुनाव हराऊंगा। शुक्ला के मुताबिक उन्होंने कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सुरेश पचौरी को फोन कर कहा कि आप चिंता ना करें मैं पूरी ताकत, ईमानदारी और दमखम से चुनाव लडूंगा, जैसा 5 साल पहले लड़ा था। इंदौर-1 नंबर से मैं, कांग्रेस के मेरे कार्यकर्ता और इंदौर-1 का मेरा पूरा परिवार यह चुनाव पूरी ताकत से लड़ेगा।

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शुक्ला ने कहा कि मैं चुनाव लडूंगा तो विधानसभा-1 से ही लडूंगा। यह मेरी धर्म भूमि है, यह मेरी कर्म भूमि है। मैं इंदौर-1 से ही चुनाव लडूंगा और कैलाश विजयवर्गीय के सामने चुनाव लड़ कर जीत कर बताऊंगा। इंदौर का इतिहास बदलने जा रहा है। इंदौर-1 से संजय शुक्ला चुनाव जीतेंगे और कैलाश विजयवर्गीय चुनाव हारेंगे। वह लगातार अपनी सीट बदलते आए हैं, पहले 4 नंबर में गए फिर 2 नंबर में गए, फिर महू में गए और फिर उन्होंने अपने बेटे को 3 नंबर में लड़ाया और आखिरी में अब वह 1 नंबर में आए हैं। लेकिन 1 नंबर में 1 नंबरी ही जीतेगा।

केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस विधायक ने कहा कि अभी तो इनकी प्रदेश की 80 विधानसभा सीट की लिस्ट ही आई है। पता नहीं बची हुई 140 सीट पर और कितने मंत्री और सांसद को चुनाव में उतारेंगे। मुझे तो अब यह लग रहा है कि कहीं ऐसा ना हो जाए की किसी शहर से यह अमित शाह या नरेंद्र मोदी को ही चुनाव लड़वा दें। यह किसी भी हाल में मप्र का विधानसभा का चुनाव जितना चाहते हैं क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव भी आ रहा है। यह हिंदी भाषी राज्यों के कारण चुनाव जीतने की बात कहने लगे हैं। एक तरफ यह बात करते हैं कि हम युवा का साथ देंगे, युवा को रोजगार देंगे। तो वहीं दूसरी तरफ यह अपने युवा बेटे का टिकट काट कर चुनाव लड़ रहे हैं।

कैलाश विजयवर्गीय से संबंधों का जिक्र करते हुए शुक्ला ने कहा कि वह राष्ट्रीय नेता हैं। वे विधानसभा-1 में चुनाव लड़ने आए हैं तो स्वागत करता हूं। लेकिन एक बात बता दूं कि आपने सुना होगा कि दुनिया में मां-बाप अपने बच्चे को आगे बढ़ाते हैं। यहां विजयवर्गीय ने पहली बार ऐसा काम किया है कि अपने ही बेटे (आकाश) का टिकट काट कर खुद चुनाव लड़ रहे हैं। वो भी उस सीट से चुनाव लड़ने आए हैं, जहां के वर्तमान विधायक के पिता (विष्णुप्रसाद शुक्ला) ने उनको राजनीति सिखाई हो। ऐसा करके कैलाश विजयवर्गीय चुनाव के लिए दो बेटों की बलि देने को तैयार हो गए हैं। पर वे यहां आए हैं तो उनका ये बेटा मुंहतोड़ जवाब देगा और पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगा। यह चुनाव मैं नहीं, अब मेरा पूरा परिवार लड़ेगा। जनता ही तय करेगी कि उन्हें समाजसेवी चाहिए या राष्ट्रीय नेता। बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय ने भी आज कहा कि संजय शुक्ला से मेरे पारिवारिक रिश्ते हैं।