MP में प्राइवेट अस्पतालों ने भी बंद की OPD, हाईकोर्ट बोला- हड़ताल का ये तरीका कतई ठीक नहीं

हड़ताल का ये तरीका कतई ठीक नहीं है। अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे: जबलपुर हाईकोर्ट

Updated: Aug 17, 2024, 11:47 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। भोपाल में हमीदिया और एम्स के बाद अब निजी अस्पतालों ने भी आज ओपीडी बंद रखी है। प्रदेशभर में प्राइवेट अस्पतालों की यही स्थिति है। दरअसल, प्राइवेट अस्पतालों के स्टाफ भी कोलकाता की घटना के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं। इसपर जबलपुर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है।

जबलपुर हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर लगी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। एक्टिंग चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि हड़ताल का ये तरीका कतई ठीक नहीं है। अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे। हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की काम पर लौटने की सलाह दी है।

बेंच ने कहा कि कोलकाता की घटना और डॉक्टर्स की सुरक्षा पूरे देश का मुद्दा है। कोर्ट ने जूडा को हड़ताली संगठनों से बात करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता IMA को भी पक्षकार बनाएगा। थोड़ी देर बाद फिर मामले की सुनवाई होगी।

बता दें कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के विरोध में ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के सभी जूनियर डॉक्टर दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। भोपाल में नेशनल हॉस्पिटल, हजेला हॉस्पिटल, अक्षय हार्ट हॉस्पिटल, सिद्दांता रेडक्रॉस हॉस्पिटल, गेस्ट्रो केयर हॉस्पिटल और चिरायु के साथ ही कई निजी अस्पताल OPD बंद रखकर विरोध जता रहे हैं। कुछ अस्पताल बाहर नोटिस चस्पा कर OPD बंद रखने की सूचना भी दे रहे हैं।

इंदौर में सोमवार को भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते आयुष विभाग और मेडिकल कॉलेज के दूसरे कंसल्टेंट को ओपीडी ड्यूटी पर लगाया गया है। इंदौर में सभी विभाग की ओपीडी शुरू है। वहीं इंदौर के सभी प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी बंद रखी गई है जबकि एडमिट मरीजों का इलाज किया जा रहा है।