पंधाना से बीजेपी विधायक राम दांगोरे की बढ़ी मुश्किलें, खंडवा कालिख कांड में मिली एक साल की सजा

खंडवा में 11 साल पुराने बहुचर्चित कालिख कांड मामले में कोर्ट ने शनिवार को फैसला सुनाया है। इसमें पंधाना से बीजेपी विधायक राम दांगोरे समेत 10 लोगों को कोर्ट ने दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।

Updated: Dec 25, 2022, 03:18 AM IST

खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की पंधाना विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक राम दांगोरे की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने बहुचर्चित कालिख कांड में विधायक दांगोरे को एक साल की सजा सुनाई है। विधायक राम दांगोरे के साथ भाजयुमो जिलाध्यक्ष अनूप पटेल को भी एक साल की सजा सुनाई गई है।

दरअसल, यह मामला साल 2011 का है। जब पंधाना विधायक राम दांगोरे एग्रीकल्चर कॉलेज में पढ़ाई करते थे। इस दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे। कॉलेज में इस दौरान एक विरोध प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन के दौरान दांगोरे के नेतृत्व में छात्रों ने कॉलेज के डीन के चेहरे पर कालिख पोत दी थी।

कालिख पोते जाने की घटना से डीन बेहद आहत हुए थे। इस घटना के बाद उन्होंने सुसाइड कर लिया था। डीन ने अपने सुसाइड नोट में भी साफ तौर पर ABVP के नेताओं पर आरोप लगाया था। पुलिस ने राम दांगोरे, अनूप पटेल समेत 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। 

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इन 10 आरोपियों में से राम दांगोंरे को भारतीय जनता पार्टी ने 2018 विधानसभा चुनाव में पंधाना विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया। वे चुनाव लड़े और विधायक बन गए। विधायक के आरोपी होने के कारण यह मामला एमपी एमएलए विशेष न्यायालय इंदौर ट्रांसफर हो गया था। अब 11 साल बाद मामले में फैसला आया है।

आरोपियों में विधायक राम दांगोंरे और खंडवा भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अनूप पटेल के अलावा एक अन्य पदाधिकारी अश्विन साहू, रोहित मिश्रा, ज्योति वालंजकर, सोनाली बाकुले, विनम्र गंगराडे, आशीष तायडे, अंकित अवस्थी (भाजयुमो महामंत्री, जिला हरदा), राहुल डोडे शामिल हैं। फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश ने युवाओं को राजनीति में संयम बरतने की नसीहत भी दी है।