भोपाल में अखबार पर पोहा-समोसा परोसने पर रोक, खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से लिया जाएगा शपथपत्र

भोपाल में अधिकांश दुकानों में अखबार पर ही परोसा जाता है नाश्ता, लोगों की सेहत के मद्देनजर कलेक्टर ने लगा दी रोक, अखबार के इंक का लीवर पर पड़ता है बुरा असर

Updated: Sep 06, 2022, 09:38 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बड़ी आबादी अपने दिन की शुरुआत पोहा, जलेबी और समोसा जैसे नाश्ते के साथ करती है। अधिकांश जगहों नाश्ता पेपर पर ही परोसा जाता है। लेकिन अब ये नाश्ते अखबार पर नहीं परोसे जाएंगे। भोपाल कलेक्टर ने आदेश जारी कर पोहा, समोसा, जलेबी व अन्य खाद्य सामग्री अखबार पर परोसने से रोक लग दी है।

कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर "ईट राइट चैलेंज-2" के तहत इसकी शुरुआत की गई है। इस कैंपेन के तहत न्यूज पेपर पर समोसे, पोहा आदि खाद्य पदार्थ देने या परोसने से रोकने का अभियान चलाया जाएगा। होटल, ठेलों और फूड स्ट्रीट में इसे लेकर पोस्टर और पंफलेट लगाए जाएंगे। फूड आयटम बेचने वाले दुकानदारों से इस संबंध में शपथ-पत्र लिया जाएगा। 

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दुकानदार इस बात का शपथ पत्र देंगे कि वे अखबार का उपयोग खाद्य सामग्री को बनाने, रखने अथवा परोसने में नहीं करेंगे। इस कैंपेन के तहत होस्टल में शिकायत पेटी रखवाकर छात्र-छात्राओं को निडर होकर शिकायत और फीडबैक देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही, छात्र-छात्राओं के खान-पान की आदतों में सुधार के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अखबार में खाना सेहत के लिए हानिकारक है। अखबार की छपाई में इस्तेमाल स्याही के पेट में जाने से गंभीर बीमारी उत्पन्न होती है। स्याही के केमिकल से सबसे पहले पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। रिपोर्ट के अनुसार अखबार में लिपटा ऑयली खाना और भी ज्यादा खतरनाक होता है। क्योंकि गर्म खाना रखने से ये स्‍याही चिपक जाती है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती है।