दमोह में हुआ शिवराज का विरोध, लोगों ने पूछा, क्या कोरोना के नियम चुनावी भीड़ के लिए नहीं होते?

शिवराज ने सोमवार को दमोह में आयोजित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, उमा मिस्त्री की एक सभा के दौरान वहां पर मौजूद टेंट हाउस और डीजे कार्यक्रम से जुड़े लोगों ने चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही

Updated: Apr 13, 2021, 05:52 AM IST

Photo Courtesy: The Hindu
Photo Courtesy: The Hindu

दमोह। कोरोना को लेकर प्रदेश की बीजेपी सरकार के दोहरे रवैया को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनता के आक्रोश का नतीजा यह हुआ कि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भरी सभा में जनता की नाराज़गी झेलनी पड़ गई। लोगों ने तख्तियों में स्लोगन लिखकर शिवराज और बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। और साथ ही यह भी पूछा कि क्या कोरोना के नियम चुनावी भीड़ के लिए नहीं होते? 

सोमवार को मुख्यमंत्री 17 अप्रैल को दमोह विधानसभा सीट पर होने वाले मतदान के प्रचार के सिलसिले में दमोह पहुंचे थे। उन्होंने दमोह में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। दमोह में उषा मिस्त्री की एक सभा को जब सीएम संबोधित कर रहे थे। तब उस दौरान टेंट हाउस एसोसिएशन और डीजे के कार्यक्रम आयोजित कराने वाले लोग भी मौजूद थे। लोगों ने तख्तियों में लिखे स्लोगन सीएम को दिखाने शुरू कर दिए और यह पूछने लगे कि आखिर चुनावी भीड़ पर कोरोना के नियम लागू क्यों नहीं होते? इसके साथ ही लोगों ने शिवराज का विरोध करते हुए आगामी चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी तक दे डाली। 

लोगों ने स्लोगन में लिखा था, चुनाव में नहीं है कोरोना लेकिन शादी में है रोना, चुनाव का बहिष्कार क्योंकि पेट पर पड़ रही है मार। दरअसल लोगों को यह बात गले नहीं उतर रही है कि आखिर जब पूरे प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सख्ती लागू की गई है, तब ऐसी स्थिति में दमोह के लोगों को कोरोना के संक्रमण में क्यों झोंकने की कोशिश हो रही है? यही सवाल जब मीडियाकर्मियों ने शिवराज से पूछा तब मुख्यमंत्री का कहना था कि इस समय दमोह हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं है। इस पर चुनाव आयोग को तय करना है। 

यह भी पढ़ें : रतलाम में दर्दनाक सड़क हादसा, वन विभाग के डिप्टी रेंजर, पत्नी और ड्राइवर की ट्रक टकराने से मौत

दमोह विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को मतदान होने हैं। इसके नतीजे 2 मई को आएंगे। दमोह सीट पर बीजेपी के टिकट पर राहुल सिंह लोधी और कांग्रेस के अजय टंडन चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं राहुल सिंह लोधी के चचेरे भाई वैभव सिंह लोधी भी चप्पल के चुनाव चिन्ह के साथ अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। 

यह भी पढ़ें : सुरेंद्र कुमार यादव बने उत्तर प्रदेश के नए लोकायुक्त, आडवाणी को किया था बाबरी मामले में बरी

दूसरी तरफ पूरे प्रदेश में कोरोना का कहर बदस्तूर जारी है। अकेले राजधानी भोपाल में सोमवार को 1456 मामले सामने आए हैं। बीते एक हफ्ते में भोपाल में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े में 42 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले एक हफ्ते में भोपाल में कोरोना के 5770 नए मामले सामने आए हैं।