रैगांव सीट पर बीजेपी में बढ़ी बगावत, दिवंगत विधायक के बेटे ने भरा निर्दलीय नामांकन

जुगल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने रैगांव सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किया नामंकन, उपचुनाव से पहले ही बैकफुट पर आई भाजपा

Updated: Oct 09, 2021, 02:58 AM IST

Photo Courtesy :  Dainik Bhaskar
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सतना। मध्य प्रदेश में आगामी उपचुनाव से पहले ही बीजेपी बैकफुट पर आ गई है। रैगांव सीट पर भाजपा की अंतर्कलह उजागर हो गई है। दिवंगत भाजपा विधायक जुगल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने इस सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पर्चा भर दिया है। पुष्पराज पटेल के नामंकन दाखिल करने से उपचुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार प्रतिमा बागरी को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।  

निर्दलीय नामंकन भरने पर मजबूर हुए पुष्पराज, पार्टी के रवैये से थे नाराज़ 

दरअसल बीजेपी ने हाल ही में उपचुनाव की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए। लेकिन रैगांव सीट पर टिकट पाने के सबसे प्रबल दावेदार को ही बीजेपी ने टिकट नहीं दिया। टिकट बंटवारे के औपचारिक एलान से पहले यह लगभग तय माना जा रहा था कि इस सीट से भाजपा जुगल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज को ही टिकट देगी। लेकिन अंतिम समय में बीजेपी ने अपने फैसले से सबको चौंका दिया। और अब टिकट न मिलने से खफा पुष्पराज ने बीजेपी को चौंका दिया है।  

जीत को लेकर आश्वस्त नहीं थी बीजेपी 

पुष्पराज बागरी को बीजेपी ने टिकट क्यों नहीं दिया, इसको लेकर फौरी तौर पर दो कारण गिनाए जा रहे हैं। पहला कारण बागरी परिवार में ही टिकट को लेकर अनबन होने की बात सामने आ रही है, तो वहीं टिकट ने देने के पीछे दूसरा कारण यह बताया जा रहा है कि बीजेपी इस सीट से बागरी परिवार के सदस्य की जीत को लेकर आश्वस्त नहीं थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक जुगल किशोर बागरी के निधन के बाद रैगांव सीट पर होने वाले इस उपचुनाव में टिकट को लेकर खुद बागरी परिवार में मनमुटाव हो गया था। जुगल किशोर बागरी के बड़े बेटे पुष्पराज बागरी तो टिकट की दावेदारी पेश कर ही रहे थे लेकिन उनके छोटे भाई देवराज बागरी भी अपनी पत्नी के लिए टिकट चाह रहे थे। 

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दूसरी तरफ बीजेपी को खुद भी पिछले चुनाव में जीती हुई सीट को हारने का डर सता रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी ने इस सीट पर सर्वे कराया था, जिसमें उसे यह संकेत मिले थे कि बागरी परिवार का कोई सदस्य यह चुनाव नहीं जीत पाएगा। वहीं कांग्रेस ने कल्पना वर्मा को इस सीट से उपचुनाव में उतार दिया। कल्पना वर्मा 2018 में जुगल किशोर बागरी के खिलाफ इसी सीट से चुनाव भी लड़ चुकी थीं। लिहाज़ा इन तमाम कठिनाईयों को देखते हुए बीजेपी को नए विकल्प तलाशने की जद्दोजहद करनी पड़ी। बीजेपी ने इस सीट से प्रतिमा बागरी को चुनावी मैदान में उतार दिया।  

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जोबट विधानसभा सीट पर भी दलबदलू नेता सुलोचना रावत को टिकट देने से बीजेपी में आंतरिक गुटबाज़ी अपने चरम पर है। सुलोचना रावत का टिकट फाइनल होने से पहले ही अलीराजपुर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा के सामने जमकर हंगामा किया था। पुष्पराज के नामंकन के बाद अब रैगांव सीट पर भी आंतरिक गुटबाज़ी बढ़ने के आसार हैं। जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को होगा।