इंदौर में BJP कार्यालय के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं का हंगामा, देपालपुर से प्रत्याशी बदलने की मांग पर अड़े

राजेंद्र चौधरी के समर्थकों का अब इंदौर भाजपा कार्यालय में बवाल, देपालपुर में प्रत्याशी बदलने की मांग पर अड़े, भाजपा कार्यालय के बाहर कर रहे हनुमान चालीसा पाठ

Updated: Oct 06, 2023, 05:09 PM IST

इंदौर। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में बीजेपी भारी अंतर्विरोधों से जूझ रही है। भाजपा के घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल रखा है। देपालपुर से राजेंद्र चौधरी को उम्मीदवार बनाने की मांग कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को इंदौर में भाजपा कार्यालय के बाहर जमकर बवाल काटा। भाजपा कार्यकर्ता प्रत्याशी बदलने की मांग पर अडिग हैं और हाईकमान को चेतावनी दे रहे हैं कि यदि कैंडिडेट नहीं बदला गया तो पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ेगा।

दरअसलदेपालपुर सीट पर बीजेपी ने मनोज पटेल को टिकट दिया है। जबकि यहां पर कार्यकर्ता राजेंद्र चौधरी को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर देपालपुर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ता शुक्रवार को इंदौर में आए और यहां पर बीजेपी ऑफिस का घेराव कर जमकर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिस तरह से राजेंद्र चौधरी ने क्षेत्र में काम किया है उसके चलते उन्हें उस विधानसभा क्षेत्र से टिकट देना चाहिए और यदि पार्टी ने अपने निर्णय को नहीं बदला तो वहां पर निर्दलीय तौर पर राजेंद्र चौधरी को विधानसभा चुनाव में खड़ा किया जाएगा और बीजेपी का विरोध किया जाएगा।

इस दौरान भाजपा कार्यालय पर सैकड़ो की संख्या में देपालपुर विधानसभा के कार्यकर्ता पहुंचे और उन्होंने घेराव करने के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी बीजेपी कार्यालय के बाहर किया। बीजेपी के संगठन के नेताओं ने देपालपुर विधानसभा के कार्यकर्ताओं को समझाइस भी दी। लेकिन देपालपुर विधानसभा के कार्यकर्ताओं की मांग थी की मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को बुलाया जाए और उनके समक्ष ही पूरे मामले की बात रखी जाएगी। काफी देर तक यह हंगामा बीजेपी ऑफिस के बाहर चलता रहा।

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बता दें कि कुछ दिन पहले ही राजेंद्र चौधरी समर्थकों ने सांवेर बीजेपी ऑफिस का भी घेराव किया गया था। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तुलसी सिलावट का घेराव कर कहा था कि पार्टी ने क्या सोचकर मनोज पटेल को टिकट दिया है, जबकि उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। ऐसे में हारे हुए प्रत्याशी को दोबारा से टिकट देना स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करना है। बातचीत के दौरान बहस इस हद तक बढ़ गई कि मंत्री तुलसी सिलावट को सांवेर बीजेपी ऑफिस छोड़कर वहां से उलटे पांव लाैटना पड़ गया था।