MP में लगातार बढ़ रहा है गिद्धों का कुनबा, कुल संख्या 10 हजार पार, भोपाल में मिले सफेद पीठ वाले गिद्ध

वन विभाग के अनुसार, गिद्धों की संख्या एमपी में 10 हजार पार हो गई है। पिछले साल 16 से 18 नवंबर के बीच 3 दिन तक गिद्धों की गिनती हुई थी।

Updated: Feb 24, 2024, 03:15 PM IST

भोपाल। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में गिद्धों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश को वल्चर स्टेट का भी तमगा हासिल है। गिद्धों की संख्या में राज्य दूसरी बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वन विभाग के अनुसार, गिद्धों की संख्या एमपी में 10 हजार पार हो गई है। 

वन विभाग के मुताबिक पिछले साल 16 से 18 नवंबर के बीच 3 दिन तक गिद्धों की गिनती हुई थी। सभी 6 टाइगर रिजर्व समेत सेंचुरी एरिया में वन विभाग के अमले ने गिद्धों की गिनती की थी। विभाग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये देश में सबसे ज्यादा हैं। पिछली गणना में संख्या 9,446 थी। भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में व्हाइट रम वल्चर यानी, सफेद पीठ वाले गिद्ध भी हैं। वन विहार में अभी 100 से ज्यादा गिद्ध हैं।

गिद्धों का सबसे बड़ा कुनबा पन्ना नेशनल पार्क में है। वन विभाग के मुताबिक यहां 900 से अधिक गिद्ध हैं। यहां पर लाल सिर वाला गिद्ध भी पाया जाता है। इसे एशियाई राजा गिद्ध, भारतीय काला गिद्ध या पांडिचेरी गिद्ध भी कहा जाता है। इसे पन्ना टाइगर रिजर्व में आसानी से देखा जा सकता है।

गिद्ध अपनी ऊंची उड़ानों के लिए जाना जाता है। गिद्ध कभी विलुप्त होने की कगार पर थे। गिद्ध जल्दी अपना साथी या मैटिंग पेयर नहीं बनाते हैं। इस मामले में शर्मिला कहा जा सकता है। यही कारण था कि देशभर में 'धरती के सफाई दूत' की संख्या बुरी तरह घटती जा रही थी। लेकिन अब प्रदेश में इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। 

गिद्ध साल में एक ही बार अंडे देते हैं। साइज में यह मुर्गी के अंडे से तीन गुना बड़े होते हैं। अंडे से बच्चे जीवित निकलने का सक्सेस रेट 50% माना जाता है। यही वजह है कि आधे अंडे विकसित नहीं होते हैं। अंडे से 55 दिन में बच्चा निकलता है। चार महीने बच्चा घोंसले में रहता है। फिर वह उड़ने के लिए तैयार हो जाता है।