क्रॉस वोटिंग करने वाले हिमाचल कांग्रेस के 6 MLA अयोग्य करार, राज्यसभा चुनाव में व्हिप का किया था उल्लंघन
स्पीकर ने कहा कि सरकार को जनादेश मिला। जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी और ये लोग आया राम, गया राम की पॉलिटिक्स कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इन लोगों ने खुद एंटी डिफेक्शन लॉ को न्योता दिया।
शिमला। हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है। स्पीकर ने उन्हें पार्टी व्हिप के उल्लंघन का दोषी माना है। विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के बाद से इन विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई है।
दल-बदल कानून के तहत जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, इंद्र लखन पाल, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं। स्पीकर ने कहा कि सरकार को जनादेश मिला। जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी और ये लोग आया राम, गया राम की पॉलिटिक्स कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इन लोगों ने खुद एंटी डिफेक्शन लॉ को न्योता दिया।
अयोग्य करार दिए गए विधायकों ने पार्टी प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जगह भाजपा के हर्ष महाजन को वोट दिया था। इससे सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए। हिमाचल के इतिहास में यह पहली बार है, जिसमें विधायकों पर इस तरह की कार्रवाई की गई है। अयोग्य करार दिए गए विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि हम कोर्ट जाएंगे।
स्पीकर के इस फैसले से हिमाचल की कांग्रेस सरकार गिरने का खतरा टल गया है। हिमाचल में कुल 68 विधायक हैं। इस फैसले के बाद कांग्रेस के पास अब 34 MLA बचे हैं। भाजपा के 25 विधायक हैं जबकि 3 निर्दलीय हैं। अगर 3 निर्दलीय भाजपा को मिलते हैं तो भी 28 ही विधायक हो रहे हैं। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो कांग्रेस सरकार आसानी से बहुमत साबित कर लेगी। हालांकि, अगर विक्रमादित्य और उनका खेमा बगावत करता है तो फिर सरकार खतरे में आ जाएगी।