कर्नाटक के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए नहीं देना होगा NEET, कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से होगा दाखिला

कर्नाटक के मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए छात्रों को राज्य की प्रतियोगी परीक्षा देनी होगी. उन्हें नीट से आजादी मिल जाएगी

Updated: Jul 24, 2024, 04:03 PM IST

बेंगलुरु। देशभर में नीट को लेकर मचे बवाल के बीच कर्नाटक सरकार ने फैसला किया है कि अब वह अपने यहां इस मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम को नहीं होने देगा। दरअसल, नीट पेपर लीक को मचे घमासान के बीच कर्नाटक सरकार ने नए विधेयक को पास कर दिया गया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने नीट को रद्द करने के प्रस्ताव वाले विधेयक को कैबिनेट में सहमति दे दी है।

कर्नाटक में लाया गया ये विधेयक NEET एग्जाम के खिलाफ है। इसमें नीट के बजाय किसी अन्य मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम करवाने या फिर नीट को कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) से जोड़ने का प्रस्ताव है। विधेयक को कर्नाटक विधान सौधा में पेश किया जाएगा। इसमें सरकार से आग्रह किया गया है कि राज्य को 12वीं क्लास के नंबर के आधार पर मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन की इजाजत दी जाए। नीट लागू होने से पहले इसी तरह से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन किया जाता था।

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कर्नाटक सरकार की तरफ से ये फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब नीट यूजी एग्जाम में कथित पेपर लीक को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। अगर ये विधेयक राज्य विधानसभा से पास हो जाता है तो कर्नाटक के मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए छात्रों को राज्य की प्रतियोगी परीक्षा देनी होगी। उन्हें नीट से आजादी मिल जाएगी। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि नीट की जगह लेने वाले एग्जाम को क्या कहा जाएगा।

बता दें कि पिछले महीने डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने भी नीट के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था। डीएमके सरकार ने केंद्र से कहा था कि वह राज्य सरकारों को मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन की इजाजत दे। डीएमके सांसद के कनिमोझी ने कहा था कि तमिलनाडु लगातार कह रहा है कि हम नीट नहीं चाहते हैं। अब यह साबित हो चुका है कि नीट निष्पक्ष एग्जाम नहीं है और इसकी वजह से छात्रों को बहुत नुकसान हो रहा है।