मेरा कायदा कायदा वरना कोई कायदा नहीं वाला रवैया छोड़े यूपी सरकार, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाई योगी सरकार को फटकार

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज की योगी सरकार की कोरोना कार्ययोजना, हाई कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों को दिए कोरोना की निगरानी के आदेश

Updated: Apr 28, 2021, 06:16 AM IST

Photo Courtesy: Deccan Herald
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प्रयागराज/लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कोरोना से बदतर होते हालात को लेकर यूपी सरकार की कोरोना कार्ययोजना को खारिज कर दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना को नियंत्रण में कर पाने में अक्षम योगी सरकार को मेरा कायदा कायदा, वरना कोई कायदा नहीं जैसा रवैया छोड़ने के लिए कहा है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने अब न्यायिक अधिकारियों को कोरोना की निगरानी करने के लिए कहा है। 

मंगलवार को योगी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में कोरोना कार्ययोजना पेश की थी। इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। लिहाज़ा इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार को मेरा कायदा कायदा, वरना कोई कायदा नहीं जैसा रवैया अब त्याग देना चाहिए।  

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बारह बिंदुओं का दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिस पर कोर्ट ने योगी सरकार को अमल करने के लिए कहा है। मंगलवार को योगी सरकार द्वारा पेश की गई कार्ययोजना को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि योगी सरकार ने कोरोना कार्ययोजना में बहुत देरी कर दी, लेकिन इस देरी के बावजूद सरकार कोरोना को नियंत्रित करने का दावा करती है। हाई कोर्ट ने योगी सरकार को एक मर्तबा फिर नए सिरे से कोरोना कार्ययोजना कोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए कहा है, इस पर कोर्ट 3 मई को सुनवाई करेगा। 

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना की रोकथाम को सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार में भरोसा करने का कोई रिस्क नहीं लिया। हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित दस ज़िलों के ज़िला न्यायाधीशों से हाई कोर्ट के आदेश की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने ज़िला न्यायाधीशों से सिविल जज या उससे बड़े न्यायायिक अधिकारी को नामांकित करने के लिए कहा है। यह अधिकारी हर हफ्ते के अंत में रजिस्ट्रार जनरल को रिपोर्ट देंगे और यह बताएंगे कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है या नहीं?