Ashok Gehlot: पायलट की हर शिकायत दूर करेंगे
Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट समर्थक विधायक मिले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से, गहलोत ने कहा पांच साल चलेगी सरकार

जयपुर। राजस्थान के सियासी परिदृश्य में अब सचिन पायलट की घर वापसी लगभग तय हो गई है। उनकी घरवापसी पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि हम पायलट की शिकायतों को दूर करेंगे। साथ ही अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी सरकार गिराने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन आखिर में हमारे सारे विधायक साथ हैं, एक भी विधायक हमें छोड़कर नहीं गया है। गहलोत ने कहा कि नाराज होकर गए विधायकों की शिकायतें सुनने के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग किया जा रहा है और धर्म के नाम पर राजनीति की जा रही है, लेकिन हमारी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और हम अगला चुनाव भी जीतेंगे।
Income Tax & CBI are being misused and politics is being done in the name of religion. But our govt will complete its full term of 5 years and we will win the next elections as well: Rajasthan CM Ashok Gehlot https://t.co/pyF5nNvcJH
— ANI (@ANI) August 11, 2020
दरअसल, अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपना लेने के बाद सचिन पायलट को अशोक गहलोत ने निकम्मा और नकारा तक कह दिया था। इधर सचिन समर्थक विधायकों ने भी गहलोत के खिलाफ कड़ी टिप्पणियां की थीं। ऐसे में अब किस तरह इन दोनों कैंप में सांमजस्य बैठेगा, यह देखना रोचक होगा।
उधर सचिन समर्थक विधायक भी घरवासपसी के लिए तैयार हो गए हैं। इसी क्रम में पायलट कैंप के तीन निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, ओम प्रकाश हुडला और खुशवीर जोजावर सीएम गहलोत से मिले। उनकी मुलाकात करीब दो घंटे चली। इन तीनों विधायकों पर खरीद-फरोख्त मामले में एसीबी में मुकदमे दर्ज हैं और साथ ही तीनों का नाम भी कांग्रेस की संबद्धता सूची से हटाया जा चुका है।
इससे पहले पायलट ने राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान घरवापसी के लिए कुछ मांगे रखीं। बताया जा रहा है कि पायलट अब राजस्थान में कोई पद नहीं लेंगे और पार्टी उन्हें दिल्ली में कांग्रेस महासचिव के पद पर नियुक्त कर सकती है। पायलट ने राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे को भी हटाने की मांग की है। दूसरी तरफ पायलट कैंप के तीन विधायकों को राजस्थान सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है और बाकी के विधायकों को भी राजनीतिक नियुक्तियां दी जा सकती हैं।