शाहीन बाग की दादी को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया, क्या ऐसे रुकेगा किसानों का समर्थन

शाहीन बाग़ की दादी बिल्कीस बानो किसानों का समर्थन करने सिंघु बॉर्डर जा रही थीं, वो मानती हैं किसान की बेटी होने के नाते आंदोलन का समर्थन करना उनका फ़र्ज़ है

Updated: Dec 02, 2020, 01:33 AM IST

Photo Courtesy: Telangana Today
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नई दिल्ली। सीएए और एनआरसी विरोधी आंदोलन के दौरान शाहीन बाग की दादी के नाम से मशहूर हुईं 82 साल की बिलकीस बानो को आज दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सिर्फ इसलिए क्योंकि वो किसानों का समर्थन करने के लिए सिंघु बॉर्डर जाना चाहती थीं। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह लोगों को जबरन रोक कर सरकार किसान आंदोलन को हर तरफ से मिल रहे समर्थन को खत्म कर पाएगी? या कहीं ऐसा तो नहीं कि किसानों और उनके समर्थकों की आवाज़ दबाने की कोशिश इस आंदोलन को और मज़बूत करेगी? 

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बुजुर्ग लेकिन बुलंद हौसले वाली बिल्कीस दादी का कहना है कि हम किसानों की बेटियां हैं और हम कदम से कदम मिलाकर किसानों के साथ खड़े हैं। हम किसानों की आवाज़ बुलंद करेंगे, सरकार को किसानों की बात सुननी पड़ेगी। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन के वक़्त बिल्कीस बानो चर्चा में आईं थीं। वे सुबह से लेकर रात तक धरना देती दिखाई दी थीं। 

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मूल रूप से यूपी के बुलंदशहर की रहने वाली बिल्कीस बानो फिलहाल अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं। उनके पति की मौत हो चुकी है, जो खुद एक किसान थे। शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान उन्होने बताया था कि वे कभी प्रदर्शनों में शामिल नहीं हुई। वे एक घरेलू महिला थीं, उन्होंने पहले कभी अपना घर नहीं छोड़ा। लेकिन सीएए के प्रदर्शन के दौरान वे धरना स्थल पर ही रहीं। उनका खाना सोना सब वहीं होता था। सिर्फ कपड़े बदलने के लिए वे घर जाती थीं।

बता दें कि पिछले कई दिनों से किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहें हैं। यूपी, हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली में टिकरी, गाजीपुर और सिंघू सीमा पर डटे हुए हैं। जिस वजह से केंद्र सरकार की चारों तरफ आलोचना हो रही है। विपक्ष किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को घेरने में लगा है।