LAC पर एक बार फिर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प, दोनों पक्षों के कई सैनिक जख्मी: रिपोर्ट्स

तवांग सेक्टर में एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच ये झड़प 9 दिसंबर 2022 की रात हुई। इस झड़प में दोनों सेनाओं के सैनिकों को मामूली चोटें आई हैं।

Updated: Dec 13, 2022, 05:00 AM IST

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तवांग सेक्टर में एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच ये झड़प 9 दिसंबर की रात हुई। इस झड़प में दोनों सेनाओं के सैनिकों को चोटें आई हैं। इस झड़प के बाद भारत के कमांडरों ने शांति बहाल करने के लिए चीन के कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की। जिसके बाद मामला सुलझा लिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस झड़प में 200 से अधिक चीनी सैनिक शामिल थे। वे डंडे और लाठियां लिए हुए थे। चीनी पक्ष की ओर घायलों की संख्या अधिक होने का भी अनुमान है। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सैनिक तवांग इलाके में भारत के एक पोस्ट को हटाना चाहते थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तवांग में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी LAC तक पहुंचना चाह रही थी। चीनी सैनिकों के इस कदम का वहा तैनात भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता और ताकत के साथ विरोध किया। इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हुई. हालांकि, भारत के जवानों ने LAC तक पहुंचने की कोशिश कर रहे चीनी सेनाओं को पीछे धकेल दिया।

भारतीय थलसेना ने एक बयान में कहा, ‘पीएलए के सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर 9 दिसंबर को झड़प हुई। हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता के साथ सामना किया। इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं।' इस झड़प के दौरान घायल हुए 6 घायल को इलाज के लिए गुवाहाटी के अस्पताल लाया गया है। 

थलसेना ने अपने बयान में कहा, ‘दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए। इसके बाद हमारे कमांडर ने स्थापित तंत्रों के अनुरूप शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ ‘फ्लैग बैठक' की। सेना के बयान में झड़प में शामिल सैनिकों और घटना में घायल हुए सैनिकों की संख्या का उल्लेख नहीं किया है।

इससे पहले 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी।