बिहार के शिक्षा मंत्री नहीं गा सके राष्ट्रगान, वीडियो वायरल होने पर RJD ने की खिंचाई

मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाए जाने पर लालू प्रसाद यादव ने भी नीतीश और बीजेपी पर तंज कसा है

Updated: Nov 19, 2020, 01:47 AM IST

पटना। इस समय नीतीश सरकार में सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय मेवालाल चौधरी बने हुए हैं। नीतीश कैबिनेट के गठन के दिन से ही मेवालाल चौधरी पर लग चुके भ्र्ष्टाचार केे आरोपों का मसला विपक्ष उठा रहा है। नीतीश सरकार फिलहाल इस मामले में बुरी तरह घिरी हुई है। ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मेवालाल चौधरी के एक वीडियो ने उन्हें और भी चर्चित कर दिया है। 

इस वायरल वीडियो में नीतीश सरकार के मंत्री जी देश का राष्ट्रगान तक ठीक से नहीं गा पा रहे हैं। यहां ध्यान देने की बात यह है कि मेवालाल चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय की ज़िम्मेदारी सौंपी है।  

नीतीश कुमार में शर्म बची भी है या नहीं : आरजेडी 

चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें पाने वाली आरजेडी ने मेवालाल को शिक्षा मंत्री बनाने पर  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। आरजेडी ने पूछा है कि आखिर नीतीश कुमार में शर्म बची भी है या नहीं ? आरजेडी ने ट्विटर पर हमला बोलते हुए कहा है कि 'भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के आरोपी बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को राष्ट्रगान भी नहीं आता।नीतीश कुमार जी शर्म बची है क्या? अंतरात्मा कहाँ डुबा दी?' 

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जो भाजपाई मेवालाल को खोज रहे थे, आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हुए हैं : लालू प्रसाद

मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाए जाने पर लालू यादव ने भी बीजेपी और नीतीश कुमार पर हमला बोला है। लालू यादव ने कहा है कि कहाँ तेजस्वी दस लाख रोज़गार देने की बात कर रहा था और कहाँ नीतीश कुमार ने घोटाला करने वाले नेता को मंत्री बना दिया। लालू यादव ने कहा है कि ऐसा कर नीतीश कुमार ने अपनी प्राथमिकता बता दी है।

लालू प्रसाद ने इस मामले में बीजेपी पर भी निशाना साधा है। लालू यादव ने कहा है कि कल तक जो नेता मेवालाल चौधरी की जेडीयू से बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, आज वही नेता मेवा मिलने पर मौन धारण कर चुके हैं। लालू यादव ने आरजेडी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए यह बात कही है। 

बिहार के नवनियुक्त शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर  भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती घोटाला करने के आरोप है। मेवालाल चौधरी 2010 से 2015 तक कुलपति रहे थे। इसके बाद 2015 में मेवालाल को तारापुर विधानसभा सीट से जेडीयू का टिकट मिला और जीत कर आए। इस दफा वे दूसरी बार इसी सीट से जीत कर आए हैं और मंत्री पद तक पहुंचे हैं। लेकिन मंत्री पद संभालते ही एक बार फिर उनके अतीत ने उन्हें घेर लिया है। बता दें कि मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 46,7 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज हैं।