बैलेट पेपर से कराए जाएं चुनाव, खड़गे ने EVM के विरुद्ध भारत जोड़ो यात्रा जैसी मुहिम चलाने का दिया सुझाव
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर पता चल जाएगा कि आप कहां खड़े हैं और आपकी क्या हालत है।
नई दिल्ली। भारत के संविधान को अंगीकार किए जाने का यह 75वां वर्ष है। मंगलवार को संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे हुए हैं। इस अवसर पर मंगलवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस पार्टी की ओर से "संविधान रक्षक अभियान" कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैलेट पेपर से चुनाव के लिए 'भारत जोड़ो यात्रा' की तरह ही देशव्यापी मुहिम शुरू करने का सुझाव भी दिया। खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर पता चल जाएगा कि आप कहां खड़े हैं और आपकी क्या हालत है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने उद्योगपति अडानी पर भाजपा की मदद करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चुनावों में अडानी का बहुत बड़ा हाथ था, क्योंकि उन्होंने अपने धनबल से भाजपा की मदद की। मोदी ने अडानी को इतनी संपत्ति दी है कि वे इसे पचा नहीं पा रहे हैं और भाजपा की मदद के लिए चुनावों में पैसा बांट रहे हैं।
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भाजपा पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा कि संविधान यूं ही नहीं बना, इसे तैयार करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने बहुत मेहनत की। इसे बनाने में बाबासाहेब आंबेडकर जी का अहम योगदान था। आज कुछ लोग संविधान की तारीफ करते हैं, उसे नमन करते हैं। लेकिन अंदर ही अंदर वे संविधान को खत्म करना चाहते हैं। आजादी की लड़ाई में इनका कोई योगदान नहीं है। कांग्रेस के लोग आजादी के लिए लड़े और आजादी हासिल की। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे कांग्रेस नेताओं ने देश को एकजुट रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा भी लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए निकाली।
खड़गे ने आगे कहा कि भाजपा के शासन में न तो बोलने की आजादी है और न ही धार्मिक स्वतंत्रता है। ये केवल काटो-बांटों की बात करते हैं। भाजपा के राज में महिलाओं के साथ रेप होता है, आदिवासियों पर पेशाब किया जाता है और दलितों को शादी में घोड़े से उतारकर मारा-पीटा जाता है। ये संविधान के रक्षक नहीं बल्कि भक्षक हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा को याद दिलाया कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश के विभाजन से पहले बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी को 300 या 400 से अधिक सीटें मिलतीं तो वे तानाशाह बन जाते। भाजपा केवल 240 सीटें ही जीत पाई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अब चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की दो बैसाखियों पर खड़ी है। जैसे ही एक बैसाखी हटेगी तो मोदी सरकार गिर जाएगी।
वहीं अपने संबोधन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर संविधान को खत्म करने के प्रयास का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, भाजपा चाहती है कि कुछ अरबपति देश को अपने नियंत्रण में रखें, इसलिए वह संविधान को खत्म करना चाहती है। जातिगत जनगणना और आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म कर इस नियंत्रण को तोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा, भाजपा और आरएसएस जितनी भी कोशिश कर लें, देश में जाति जनगणना कराई जाएगी और 50 प्रतिशत की सीमा हटाई जाएगी।
मंच पर रोहित वेमुला की तस्वीर की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह बोलना चाहते थे, लेकिन उनकी आवाज दबा दी गई। हिंदुस्तान में हर रोज आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग का युवा इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, आईएएस बनने का सपना देखता है। लेकिन देश का पूरा सिस्टम इनके खिलाफ खड़ा है। अगर ऐसा नहीं होता तो देश की 200 बड़ी कंपनियों के मालिकों और उच्च अधिकारियों की लिस्ट में इन वर्गों के लोग मिलते।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा, देश का पूरा बजट 90 लोगों के हाथ में है। इनमें से सिर्फ तीन दलित, तीन ओबीसी हैं और एक आदिवासी है। भाजपा इन वर्गों को सिर्फ खोखले सपने दिखा रही है और इनकी जेब से पैसा निकालकर अमीरों की जेब में डाल रही है। जातिगत जनगणना से पता चलेगा कि देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की कितनी भागीदारी है। जातिगत जनगणना से देश का डाटा सामने होगा, जिससे विकास के मानक पूरी तरह से बदल जाएंगे। देश में जातिगत जनगणना से विकास की एक मजबूत नींव तैयार होगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित तेलंगाना में जातिगत जनगणना के दौरान पूछे जा रहे सवाल प्रदेश के दलितों, पिछड़ों, गरीबों ने मिलकर तय किए हैं। ये एक ऐतिहासिक कदम है। जहां भी कांग्रेस सरकार होगी, इसी तरह जातिगत जनगणना कराई जाएगी। मंच से संविधान की प्रति दिखाते हुए उन्होंने दोहराया कि वह गारंटी के साथ कह सकते हैं कि नरेंद्र मोदी ने संविधान नहीं पढ़ा है।