नई दिल्ली। सोमवार को पिछले पांच दशकों का सबसे बड़ा और लंबा सूर्य ग्रहण रहेगा। यह सूर्य ग्रहण पांच घंटे से भी अधिक समय तक रहेगा। हालांकि इतने लंबे सूर्य ग्रहण के बावजूद इस समय अंतरिक्ष में मौजूद भारतीय सैटेलाइट आदित्य L1 इस सूर्य ग्रहण को नहीं देख पाएगा। वह भी तब जब यह सैटेलाइट कहीं और नहीं बल्कि धरती और सूरज के बीच में ही मौजूद है। 

सूर्य ग्रहण क्यों नहीं देख पाएगा आदित्य L1 

आदित्य L1 द्वारा सूर्य ग्रहण को नहीं देख पाने की वजह उसका स्थान है। आदित्य L1 धरती से पंद्रह लाख किलोमीटर दूर ज़रूर है लेकिन वह जिस स्थान पर मौजूद है वहां से वह सीधे सूर्य को देख सकता है। ऐसे में चांद द्वारा धरती और सूरज के बीच आ जाने से भी सूर्य उसकी दृष्टि से गायब नहीं हो पाएगा। 

इस सैटेलाइट को सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्रित करने के उद्देश्य से भेजा गया था। सूरज और धरती के बीच वैज्ञानिकों ने पांच लैगरेंज प्वाइंट चिन्हित किए हैं। L1 एक ऐसा प्वाइंट है जहां से सूर्य सैटेलाइट के व्यू में 24 घंटे बना रहता है। और सूर्य ग्रहण की स्थिति में चांद भारतीय सैटेलाइट के पीछे होगा। ऐसी स्थिति में सैटेलाइट सीधे तौर पर सूरज के सामने ही होगी। 

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इतना लंबा सूर्य ग्रहण 1971 के बाद होने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण करीब पांच घंटे दस मिनट तक चलेगा। भारतीय समय अनुसार यह रात के नौ बजकर बारह मिनट पर शुरू होगा और दो बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। इसमें तकरीबन साढ़े सात मिनट का समय ऐसा होगा जब धरती पर पूरी तरह से अंधेरा छाया रहेगा।

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भारत में इसका असर नहीं पड़ेगा लेकिन पूर्वी एशिया, अमेरिका, आयरलैंड और नॉर्वे सहित अन्य कुछ देश इस ग्रहण को देख पाएंगे। नासा के अनुसार यह ग्रहण मेक्सिको के प्रशांत तट पर स्थानीय समयानुसार करीब ग्यारह बजकर सात मिनट पर दिखना शुरू होगा। नासा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी करेगा।