इन्होंने तो मेरे परदादा को भी गाली दी, ऐसे बेवकूफों के लिए क्या ही कहेंगे: जावेद अख्तर

जावेद अख्तर ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं की नीलामी, गोडसे के महिमामंडन और बीस करोड़ भारतीयों के नरसंहार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए कुछ बेवकूफों ने उनके स्वतंत्रता सेनानी परदादा को भी नहीं बख्शा

Publish: Jan 04, 2022, 05:44 AM IST

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर संवेदनशील मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल उठाने वाले के बाद ट्रोल होने पर गीतकार जावेद अख्तर ने ट्रोल्स को करारा जवाब दिया है। जावेद अख्तर ने कहा है कि इन बेवकूफों से कोई उम्मीद करना बेमानी है। क्योंकि उन्होंने उनके स्वतंत्रता सेनानी परदादा को भी गालियां दी। 

जावेद अख्तर ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं की नीलामी, गोडसे के महिमामंडन और नरसंहार के उकसावे के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। जावेद अख्तर ने कहा कि कुछ धर्मांध लोगों ने उनके परदादा को भी गालियां देनी शुरू कर दी हैं। जो भारत की आजादी के लिए लड़ते लड़ते काला पानी की सजा के दौरान 1864 में शहीद हो गए थे। आप ऐसे बेवकूफों को क्या ही कहेंगे? 

दरअसल जावेद अख्तर ने सोमवार शाम को अपने ट्विटर हैंडल पर मुस्लिम महिलाओं के ऑक्शन और धर्म संसद में दी गई हेट स्पीच को लेकर टिप्पणी की थी। जावेद अख्तर ने इन मसलों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल खड़ा किया था। जावेद अख्तर ने कहा था कि वे इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी से स्तब्ध हैं।

 

उन्होंने कहा था कि क्या यही सबका साथ और सबका विकास है? जहां मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी होती है, धर्म संसदों में बीस करोड़ भारतीयों के नरसंहार के लिए सेना, पुलिस और लोगों को उकसाने के लिए हेट स्पीच दी जाती है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर एक तबके ने जावेद अख्तर और उनके परिवार को लेकर अभद्र टिप्पणियां करना शुरू कर दिया। 

जावेद अख्तर अमूमन हर संवेदनशील मुद्दों पर अपनी राय रखते रहे हैं। वे कई मुद्दों पर देश की मौजूदा सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा कर चुके हैं। अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के दौरान भी उन्होंने तालिबान के विचारधारा की तुलना बजरंग दल और आरएसएस की विचारधारा से की थी। जिसके बाद बीजेपी के नेताओं ने उनसे जुड़े हुए किसी भी फिल्म को रिलीज न होने देने की धमकी भी दी थी।