टिकट कटने पर जलवायु परिवर्तन से लेकर चादर बिछाने तक, भाजपा सांसदों का कुछ इस तरह छलका दर्द
BJP ने 195 उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की है, उसमें पार्टी ने 33 मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं और उनकी जगह पर नए चेहरों को मौका दिया है।

नई दिल्ली। बीजेपी ने शनिवार 2 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों के नामों के की पहली सूची जारी की थी। इसी सूची में पार्टी ने 33 मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं और उनकी जगह पर नए चेहरों पर दांव लगाया है। टिकट कटने के बाद कई भाजपा सांसदों का दर्द भी छलक पड़ा है।
दिल्ली की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले डॉ. हर्षवर्धन ने तो टिकट कटने से दुखी होकर सक्रिय राजनीति को अलविदा कह दिया है। उन्होंने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा था कि अब अपनी जड़ों की ओर लौटने का समय आ गया है। उन्होंने भविष्य की योजनाओं को लेकर कहा कि अब वो तंबाकू और मादक पदार्थों के सेवन के खिलाफ, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ और सरल-टिकाऊ जीवन शैली सिखाने के लिए काम करेंगे।
हर्षवर्धन के बयान पर आम आदमी पार्टी की भी प्रतिक्रिया आई है। आप नेता आतिशी ने कहा कि डॉ. हर्षवर्धन को देश, उनके संसदीय क्षेत्र के लोग और उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग ईमानदारी और मेहनत के लिए जानते हैं। उनका टिकट कटने पर यह बिल्कुल साफ हो गया है कि ईमानदारी की वजह से उनका टिकट टिकट काटा गया है।
दिल्ली के ही एक और भाजपा सांसद ने तो ये कहा कि वे अब मेहमानों के लिए चादर बिछाएंगे। वाचाल प्रवृति के कारण सुर्खियों में रहने वाले रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कभी-कभी मेहमान के लिए साफ-सुथरी चादर बिछानी पड़ती है। ये तो मेहमान हैं। हम तो घर के लोग हैं। घर की इज्जत रखनी है। घर के विचार के आगे बढ़ाना है। घर के मान-सम्मान को बढ़ाना है। उसके लिए काम करना है। बता दें कि बिधूड़ी ने पिछले साल लोकसभा में बीएसपी के सांसद को लेकर आपत्तिजनक बात कह दी थी जिसके बाद भाजपा की खूब किरकिरी हुई थी।
राजस्थान के चुरू से भाजपा सांसद राहुल कस्वां का टिकट भी इस बार काट दिया गया है। कस्वां की सीट से पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया को प्रत्याशी घोषित किया गया है। टिकट न मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए राहुल कस्वां ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, 'आखिर मेरा गुनाह क्या था... क्या मैं ईमानदार नहीं था... क्या मैं मेहनती नहीं था.. क्या में दमदार नहीं था... क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी... माननीय प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में मैं सबसे आगे था। और क्या चाहिए था... जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा तो सभी निरुत्तर और निशब्द रहे।'
जोधपुर से दो बार सांसद रहे जसवंत विश्नोई भी लोकसभा चुनाव में टिकट पाने की दौड़ में थे लेकिन जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत को फिर से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। टिकट नहीं मिलने पर जसवंत विश्नोई ने भी नाराजगी जताते हुए अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर निकाली है। उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर लिखा कि कौन सुनेगा... किसे सुनाए... इसलिए चुप रहते हैं। इससे पहले विश्नोई ने एक ट्वीट यह भी किया कि जज्बातों को वहां प्रकट करो जहां कद्र हो, यूं तो आंख से गिरा आंसू भी पानी लगता है।
भोपाल से भाजपा की बड़बोली सांसद प्रज्ञा ठाकुर को भी इस बार टिकट नहीं मिला है। अब भोपाल से आलोक शर्मा भाजपा प्रत्याशी होंगे। टिकट कटने पर प्रज्ञा ठाकुर का भी दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि शायद मोदी जी को मेरे कुछ शब्द पसंद नहीं आए।दरअसल, साल 2019 में सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड़से को सच्चा देश भक्त बताया था। प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान पर दुनियाभर में भाजपा की फजीहत हुई थी। चौतरफा आलोचनाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे प्रज्ञा को कभी माफ नहीं कर पाएंगे।
बता दें कि टिकट घोषणा के बाद कुछ उम्मीदवारों ने टिकट लेने से मना भी कर दिया है। बीजेपी ने भोजपुरी स्टार पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। इसी तरह यूपी के बाराबंकी से उम्मीदवार उपेंद्र रावत ने भी चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। उपेंद्र रावत का एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसी के बाद उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।