जमानत मिलने के बाद दूसरे केस में गिरफ्तार हुए दलित MLA जिग्नेश मेवानी

गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवनी को कोकराझार अदालत ने जमानत दिया था, लेकिन अब असम पुलिस ने एक नए केस में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया है

Updated: Apr 25, 2022, 11:59 AM IST

नई दिल्ली। असम में कोकराझार की एक अदालत ने गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ किए गए ट्वीट से जुड़े मामले में सोमवार को जमानत दे दी। हालांकि, जमानत मिलते ही असम पुलिस ने एक दूसरा केस बनाकर जिग्नेश को दोबारा गिरफ्तार कर लिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार जिग्नेश के खिलाफ पुलिस के उपर हमला करने का आरोप लगाया है। जिग्नेश मेवानी को दोबारा कोकराझार जिले के बारपेटा ले जाया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि मेवानी ने जमानत मिलने के बाद पुलिस पर हमला किया। हालांकि, पुलिस के इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल है कि अकेला युवक जिसके हाथों में हथकड़ियां लगी हो वह इतने पुलिसकर्मियों पर कैसे हमला कर सकता है?

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विधायक को ट्रांजिट रिमांड पर कोकराझार लाया गया था और कोकराझार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 21 अप्रैल को उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। कोकराझार प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना काकोटी ने उन्हें कई शर्तों के साथ जमानत दी, जिसके विवरण की प्रतीक्षा है। सुनवाई के बाद मेवानी को वापस कोकराझार जेल ले जाया गया और उनके वकीलों ने कहा कि जमानत बांड से संबंधित औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है।

बता दें कि पीएम मोदी की आलोचना करने के मामले में मेवानी को 19 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर शहर से असम पुलिस उठा ले गई थी। उनके एक ट्वीट को लेकर कोकराझार थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘गोडसे को भगवान मानते हैं।