Mumbai: BMC के ज्वाइंट म्युनिसिपल कमिश्नर रमेश पवार ने पानी की जगह पी लिया हैंड सैनेटाइजर, वीडियो वायरल
मुंबई महानगरपालिका के ज्वाइंट म्युनिसिपल कमिश्नर रमेश पवार ने सिविक बॉडी के एजुकेशन बजट पेश करने के दौरान पानी की जगह पीया सैनेटाइजर, गलती समझ में आने पर पानी से मुंह साफ किया,

मुंबई। मुंबई महानगरपालिका में आज एक अजब वाक्या हुआ। महानगरपालिका के ज्वाइंट म्युनिसिपल कमिश्नर रमेश पवार ने पानी समझ कर सैनेटाइजर पी लिया। दरअसल वे उस वक्त सिविक बॉडी का एजुकेशन बजट पेश कर रहे थे। उस दौरान प्यास लगने पर उन्होंने वहां रखी एक बॉटल उठाई और पीने लगे, बिना यह देखे कि वह बॉटल पानी की नहीं बल्कि हैंड सैनेटाइजर की है। जैसे ही एक घूंट उन्होंने पी लिया उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। वहां मौजूद अन्य स्टाफ ने भी उन्हें उनकी गलती का एहसास करवाया और पीने के लिए पानी की बॉटल दी जिसके बाद ज्वाइंट कमिशनर मीटिंग छोड़कर बाहर गए और थोड़ी देर बाद मुंह धोकर वापस आ गए और बजट पूरा किया।
#WATCH बृहन्मुंबई महानगरपालिका के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर रमेश पवार ने सिविक बॉडी के शिक्षा बजट को पेश करने के दौरान गलती से सैनिटाइजर पिया। pic.twitter.com/XroSV3evRx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2021
दरअसल बैठक के दौरान सामने टेबल पर दो बॉटल्स रखी थीं, एक हैंड सैनेटाइजर की और दूसरी पानी की, ऐसे में जल्दबाजी में रमेश पवार ने सैनेटाइजर पी लिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कुछ ही घंटों में साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोगों वीडियो को देखा है।
गनीमत यह रही कि सैनेटाइजर पीने के बाद उनकी तबीयत नहीं बिगड़ी, उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है। मुंबई महानगरपालिका में घटी उस दौरान रमेश पवार शिक्षा बजट पेश कर रहे थे। वैसे यह बजट एडीशनल कमिश्नर सलिल को पेश करना था। लेकिन वे आज मौजूद नहीं थे जिसके बाद उनकी गैर मौजूदगी में रमेश पवार बजट पेश कर रहे थे। तभी उन्हें प्यास महसूस हुई उन्होंने बिना देखे पानी समझ कर हैंड सैनेटाइजर की बॉटल उठाई और पी ली। पर जल्द ही उन्होंने अपनी गलती सुधारी और मुंह साफ किया। शुक्र है कि उनकी तबियत बिल्कुल सही है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के यवतमाल के घंटाजी प्राइमरी हेल्थ सेंटर में पोलियो रविवार याने 31 जनवरी को पोलियो ड्राप पिलाने के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दर्जनभर 12 बच्चों को सैनेटाइजर पिला दिया था। जिसके बाद बच्चों की तबीयत खराब हो गई थी। जिसके बाद सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया था।