तब 11 लोग मारे गए थे अब इंसाफ़ की हत्या हुई है, नरोदा दंगा पीड़ितों की पीड़ा

गुरुवार को अहमदाबाद की एक अदलात ने नरोदा गाम दंगे के सभी आरोपियों को बरी कर दिया

Publish: Apr 21, 2023, 10:26 AM IST

Photo Courtesy : The Indian express
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अहमदाबाद। गुजरात दंगों के दौरान नारोदा में हुए नरसंहार के सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले से पीड़ितों की पीड़ा का अंदाजा लगाना मुश्किल है। नारोदा के पीड़ितों का कोर्ट के फैसले से असहमत होना लाज़मी है। पीड़ितों का कहना है कि 2002 में ग्यारह लोग मारे गए थे जबकि अब इंसाफ़ की हत्या हुई है। 

अंग्रेज़ी के एक प्रमुख अखबार ने अपनी रिपोर्ट में नारोदा नरसंहार के चश्मदीद गवाह इम्तियाज़ अहमद कुरैशी के हवाले से कहा है कि मैंने 17 आरोपियों की पहचान की थी। जिसमें विश्व हिंदू परिषद के नेता जयदीप पटेल, प्रद्युम्न पटेल, वल्लभ पटेल और अशोक पटेल शामिल थे। मैंने इन लोगों को भीड़ को उकसाते देखा था। यह लोग भीड़ को मस्जिद को जलाने और विशेष जगहों पर हमला करने के लिए उकसा रहे थे। इन लोगों ने पांच लोगों को मेरे सामने ज़िंदा जलाकर मार दिया। मुझे यह तक याद है कि आरोपियों ने कौन से रंग के कपड़े पहने थे और मैंने सभी सबूत भी पेश किए। 

क्या पीड़ितों ने खुद को ज़िंदा जलाया होगा

इम्तियाज़ ने कहा कि आरोपियों को कम से कम आजीवन कारावास की सज़ा मिलनी चाहिए थी। लेकिन कोर्ट द्वारा इन्हें बरी किए जाने ने न्यायिक व्यवस्था से हमारा भरोसा उठा दिया है। यह पीड़ितों के लिए काला दिन है। जो लोग तब मरे थे क्या उन्होंने ख़ुद को ही ज़िंदा जलाया था? लेकिन हम इस फैसले की चुनौती देंगे। गुजरात हाई कोर्ट जाएंगे। भले ही इस घटना को 21 साल हो चुके हैं लेकिन अभी भी इसकी यादें मेरे ज़हन में कैद है।

वहीं इस मामले में एक अन्य चश्मदीद शरीफ मलिक ने कहा कि इस फैसले ने अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ राज्य द्वारा समर्थित दंगों के आरोपियों को बरी कर दिया है। यह लोगों को परोक्ष रूप से दिया गया संदेश है। इससे न्यायिक व्यवस्था पर हमारा भरोसा टूटा है। लेकिन हमने हार नहीं मानी है। हम अगले और 21 वर्षों तक लड़ने के लिए तैयार हैं। शरीफ मलिक ने इस मामले के 13 आरोपियों की शिनाख्त की थी। इनमें बीजेपी की पूर्व मंत्री मीना कोडनानी भी शामिल है। 

गुरुवार को अहमदाबाद की एक अदालत ने गुजरात दंगों के दौरान नरोदा में ज़िंदा जलाए गए अल्पसंख्यकों के मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में कुल 86 आरोपी थे, जिसमें तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रहीं मीना कोडनानी सहित विश्व हिंदू परिषद के नेता और अन्य आरोपी शामिल थे। इनमें से 18 आरोपियों की मौत भी हो चुकी है। 

नारोदा अहमदाबाद से सटा हुआ एक इलाका है। फरवरी 2002 में गोधरा काण्ड के बाद जब गुजरात में दंगे भड़के तब नारोदा इन दंगों की आग में झुलसने वाले सबसे बड़े केंद्रों में से एक था। यहां पर कुल ग्यारह मुस्लिमों को ज़िंदा जलाकर मार दिया गया था।