SPECIAL 26: समीर वानखेड़े पर ड्रग्स के झूठे केस में फंसाकर 26 मामलों में फिरौती के प्रयास का आरोप

नवाब मलिक ने एनसीबी के एक गुप्त कर्मचारी द्वारा लिखी गई चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा है कि समीर वानखेड़े की एक पूरी टीम है जो उगाही के इस धंधे को अंजाम दे रही है। चिट्ठी में सीबीआई के पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना और केपीएस मल्होत्रा पर भी उगाही के धंधे में संलिप्त होने के आरोप लगाए गए हैं

Updated: Oct 26, 2021, 08:04 AM IST

मुंबई। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को लेकर बहुत बड़ा खुलासा किया है। मुंबई में एनसीबी ऑफिस के एक कर्मचारी की गुप्त चिट्ठी का हवाला देकर मलिक ने दावा किया है कि वानखेड़े ऐसे 26 मामलों में फिरौती का जाल बुन चुके हैं। एनसीबी कर्मचारी की गुप्त चिट्ठी के मुताबिक समीर वानखेड़े के पास उगाही करने वाली एक पूरी टीम है, जो ड्रग्स खरीदने से लेकर ड्रग्स प्लांट करने तक का काम करती है ताकि बड़ी हस्तियों को झूठे केस में फंसाया जा सके।

नवाब मलिक ने एनसीबी के कर्मचारी द्वारा लिखी गई चिट्ठी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा भी की है। चिट्ठी को साझा करते हुए नवाब मलिक ने कहा है कि वे इस देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते इस चिट्ठी को नारकोटिक्स DG को भेज रहे हैं और जांच में इस चिट्ठी को भी शामिल किए जाने की मांग करते हैं। यही नहीं नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर अवैध रूप से फोन टैप कराने का भी आरोप लगाया है। उनका दावा है कि वानखेड़े मुंबई और थाने के दो व्यक्तियों के जरिए फोन टैंपिंग का काम कराते हैं और उनके परिवार के लोगों के भी फोन टैप किए गए हैं। वानखेड़े ने पुलिस से  कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स मांगे हैं।

राकेश अस्थाना पर भी लगे उगाही में शामिल होने के आरोप

 चिट्ठी लिखने वाले एनसीबी के कर्मचारी ने बताया है कि समीर वानखेड़े जब से एनसीबी के जोनल डायरेक्टर नियुक्त हुए हैं, तभी से उनकी एक पूरी टीम बॉलीवुड को टारगेट कर फिल्मी हस्तियों से पैसों की उगाही कर रही है। कर्मचारी ने अपनी चिट्ठी में सीबीआई के पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना पर भी उगाही के धंधे में शामिल होने के आरोप लगाए हैं।

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चिट्ठी में दावा किया गया है कि सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में ड्रग्स एंगल का मामला सामने आने के बाद राकेश अस्थाना ने SIT का गठन कर उसकी जिम्मेदारी अपने करीबी केपीएस मल्होत्रा को सौंप दी। इसके साथ ही अस्थाना ने डीआरआई में कार्यरत समीर वानखेड़े को एनसीबी के जोनल डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति दिलाई। राकेश अस्थाना पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने दोनों अधिकारियों को बॉलीवुड हस्तियों को ड्रग्स केस में फंसाने का आदेश दिया। 

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सीनियर अधिकारी के आदेशानुसार इन्होंने तमाम बॉलीवुड हस्तियों को झूठे केस में फंसाना शुरू किया। चिट्ठी में दावा किया गया है कि दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह, अर्जुन रामपाल इत्यादि कलाकारों से करोड़ों की उगाही की गई। दावे के मुताबिक अयाज खान नामक वकील ने इन हस्तियों से पैसे इकट्ठा कर अधिकारियों को दिए। उगाही का एक हिस्सा राकेश अस्थाना को भी दिया गया था। 

कैसे झूठे केस में फंसाती है समीर वानखेड़े की टीम 

एनसीबी के कर्मचारी ने चिट्ठी में कहा है कि एनसीबी के भीतर और बाहर समीर वानखेड़े की एक पूरी टीम सुनियोजित तरीके से काम कर रही है। समीर वानखेड़े खुद अपने गुर्गों से ड्रग्स खरीदते हैं और छापे के दौरान ड्रग्स को प्लांट किया जाता है। मामले में हिरासत में लिए जाने वाले लोगों से 25 खाली कागजों पर दस्तखत लिए जाते हैं। इसके बाद मामले को रफा दफा करने के एवज में इन हस्तियों से वसूली की जाती है। 

चिट्ठी में ऐसे कुल 26 मामलों की सूची दी गई है, जिसमें एनसीबी की कथित साजिश को सिलसिलेवार ढंग से बताया गया है। चिट्ठी में आर्यन खान मामले में भी कोर्डेलिया क्रूज़ पर की गई छापेमारी का जिक्र किया गया है। क्रूज़ पर की गई छापेमारी के बारे में दावा किया गया है कि खुद समीर वानखेड़े की टीम ने क्रूज पर ड्रग्स प्लांट किए थे। एनसीबी के सभी कर्मचारी खुद अपने पास ड्रग्स छिपाकर ले गए थे। 

समीर वानखेड़े की टीम 

चिट्ठी में समीर वानखेड़े की टीम के अधिकारियों का भी जिक्र किया गया है। चिट्ठी के मुताबिक समीर वानखेड़े की वसूली टीम में एनसीबी में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी हैं। इसमें अधीक्षक विश्व विजय सिंह, IOs आशीष रंजन, किरण बाबू, विश्वनाथ तिवारी, JIO सुधाकर शिंदे, OTC कदम, सिपाही रेड्डी, पीडी मोरे व विष्णु मीना, यूडीसी सूरज, ड्राइवर विजय, अनिल माने व समीर वानखेड़े का निजी सचिव शरद कुमार शामिल है। दावे के मुताबिक छापेमारी के दौरान यही लोग ड्रग्स प्लांट करते हैं और एनसीबी के ऑफिस में नकली पंचनामा बनाया जाता है। आरोपों के मुताबिक समीर वानखेड़े को आदिल, दशरथ, जमील, अफजल, मोहम्मद, शेख इत्यादि लोग ड्रग्स मुहैया कराते हैं।

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कर्मचारी ने यह भी कहा है कि जो अधिकारी समीर वानखेड़े के गलत कामों में साथ नहीं देता उसे सस्पेंड कर दिया जाता है। दावे के मुताबिक अब तक ऐसे चार अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है। चिट्ठी लिखने वाले कर्मचारी ने दावा किया है कि खुद समीर वानखेड़े के कार्यालय में छापा मारने पर ड्रग्स बरामद की जा सकती है। चिट्ठी में दावा किया गया है कि अगर अब तक एनसीबी द्वारा झूठे केस में फंसाए गए लोगों से पूछताछ की जाए तो वे सभी समीर वानखेड़े की इस करतूत से पर्दा उठा देंगे। कर्मचारी ने इस पूरे मामले पर महाराष्ट्र सरकार से एक इंक्वायरी कमीशन बैठाने की मांग की है।