गांधी मैदान ब्लास्ट: आज ही के दिन नरेंद्र मोदी की रैली में हुआ था विस्फोट, 9 आरोपी दोषी करार

नरेंद्र मोदी ने एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में 27 अक्टूबर 2013 को पटना में हुंकार रैली के साथ की थी चुनाव अभियान की शुरुआत, भाषण देते वक्त होने लगा बम ब्लास्ट

Updated: Oct 27, 2021, 10:05 AM IST

पटना। बिहार की राजधानी पटना से बड़ी खबर सामने आई है। यहां NIA कोर्ट ने गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट मामले में 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है। संयोग ये है कि आज ही के दिन 8 साल पहले आतंकियों की साजिश से पटना थर्राया था और कोर्ट में आज ही वे दोषी साबित हुए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक एनआईए कोर्ट ने 10 आरोपियों में से नौ को दोषी करार दिया वहीं एक आरोपी फकरूद्दीन की रिहाई हो गई। दोषी सिद्ध होने वालों में इम्तियाज अंसारी, हैदर अली, नवाज अंसारी, मुजमुल्लाह, उमर सिद्धकी, अजहर कुरैशी, अहमद हुसैन, फिरोज असलम, इफ्तेखार आलम शामिल हैं। कोर्ट अब 1 नवंबर को सजा के बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद उनके लिए सजा मुकर्रर करेगी।

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बता दें कि साल 2013 में एनडीए की ओर से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए गए थे और पटना के गांधी मैदान से पीएम मोदी ने रैलियां शुरू की। गांधी मैदान में हुंकार रैली के दौरान 27 अक्टूबर को जब पीएम मोदी भाषण दे रहे थे तब मंच के थोड़ी ही दूर तेज आवाज के साथ बम धमाका हुआ था। इस दौरान जबतक लोग कुछ समझ पाते पीएम मोदी ने स्टेज से कहा कि लोग पटाखे फोड़ रहे हैं।

माना जाता है कि मोदी को तब पअंदाजा था कि यह पटाखे नहीं बल्कि धमाके हैं, लेकिन उन्होंने भगदड़ को रोकने के लिए पटाखा बता दिया। इस घटना के बाद राजधानी पटना में स्टेशन से लेकर गांधी मैदान के आसपास एक के बाद एक ब्लास्ट होते रहे। बताया जाता है कि आतंकियों ने मंच के नीचे भी बम लगा दिया था, हालांकि वह ब्लास्ट नहीं हो सका। इस घटना में करीब आधा दर्जन लोगों की मौत हुई थी और 80 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

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बता दें कि ये वह समय था जब मुजफ्फरनगर में सांप्रदयिक दंगों की आग बुझी ही थी और इसमें बीजेपी नेताओं पर गंभीर आरोप लग रहे थे। इस घटना के बाद पकड़े गए आतंकियों ने भी कहा था कि वे मुजफ्फरनगर में मारे गए अल्पसंख्यकों का बदला लेने के लिए पटना आए थे। इस कांड का मुख्य आरोपी हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी समेत दस के खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दायर उन्हें बेउर जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। इनमें से 10 पांच आरोपियों को बोधगया ब्लास्ट मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।