डीडीसी में नामांकन के बाद पीडीपी के युवा नेता गिरफ्तार, खुद राजनाथ सिंह कर चुके हैं वहीद पर्रा की तारीफ

वहीद पर्रा को बुधवार को जांच एजेंसी NIA ने गिरफ्तार किया है, हिज़्बुल मुजाहिदीन और निलंबित पुलिस अफसर देविंदर सिंह से संबंध होने का आरोप लगाया गया है

Updated: Nov 26, 2020, 10:31 PM IST

Photo Courtesy: Punjab Kesari
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श्रीनगर। महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद पर्रा को जांच एजेंसी NIA ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।वहीद पर्रा ने हाल ही में डीडीसी चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है। 

NIA ने वहीद पर पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान आतंकवाद के एक मामले में साजिश रचने का आरोप भी लगाया है। इसके साथ ही वहीद पर्रा पर चरमपंथी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और निलंबित पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह के साथ संपर्क होने का इल्ज़ाम भी लगाया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वहीद पर्रा की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है। दरअसल जम्मू कश्मीर में होने वाले ज़िला विकास परिषद के चुनावों में पर्रा ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले से अपना नामांकन दाखिल किया है। ऐसे में नामांकन दाखिल करने के अगले ही दिन पर्रा को एनआईए से सम्मन भेजे जाने और तीन दिन के भीतर उसकी गिरफ्तारी पर सवाल उठ रहे हैं।

दिलचस्प बात यह भी है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जिस नेता को कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों में गिरफ्तार किया है, उसी वहीद पर्रा की प्रशंसा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर चुके हैं। खुद पीडीपी की मुखिया और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अपने युवा नेता के बचाव में कहा है कि 'तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह वहीद पर्रा की तारीफ कर चुके हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि नामांकन के ठीक अगले दिन वहीद पर्रा को NIA का समन भेजा जाना महज़ एक राजनीतिक साजिश है।'

महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि यह केवल संयोग नहीं हो सकता कि ज़िला विकास परिषद के चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के ठीक एक दिन बाद वहीद पर्रा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने समन भेजा। 

वहीद पर्रा के चरित्र और ईमानदारी की गारंटी दे सकती हूं : महबूबा मुफ्ती 

निलंबित पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह के साथ पर्रा के संबंधों के आरोपों को लेकर महबूबा मुफ्ती ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि युवा नेता का निलंबित पुलिस अधिकारी के साथ बिल्कुल भी संपर्क नहीं रहा है। मुफ्ती का कहना है कि ऐसा केवल जम्मू कश्मीर में मुख्य धारा के दूसरे राजनीतिक दलों को ब्लैकमेल करने के लिए किया जा रहा है। महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि ' मैं पर्रा की ईमानदारी और चरित्र की व्यक्तिगत रूप से गारंटी दे सकती हूं और अब यह न्यायपालिका पर है कि उन्हें न्याय मिले और जल्द से जल्द रिहा किया जाए।

क्या है मामला

मीडिया रिपोर्ट्स में एनआईए के अधिकारियों के हवाले से कहा जा रहा है कि वहीद पर्रा को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू और निलंबित पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार किए गए इरफान शफी मीर के साथ कथित संबंधों को लेकर गिरफ्तार किया गया है। हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादियों के साथ देवेंदर सिंह के संपर्कों के मामले में जांच के दौरान एनआईए के सामने मीर के फोन रिकॉर्ड आये जिनमें पता चला कि वह पर्रा के साथ करीबी संपर्क में था। लेकिन दूसरी तरफ केंद्र सरकार पर निलंबित पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह के कार्रवाई करने में ढिलाई बरतने  के आरोप भी लगते रहते हैं। कहा जाता है कि देविंदर सिंह को कुछ बेहद ताकतवर लोगों का संरक्षण हासिल है।