राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वाले लोग आज हमें संविधान पढ़ा रहे हैं, राज्यसभा में बोले मल्लिकार्जुन खड़गे

खड़गे ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आप समाजवाद की बात करते हो। आप पढ़ो इसको। जो लोग झंडे से, अशोक चक्र से, संविधान से नफरत करते हैं, ये लोग आज हमको पाठ पढ़ा रहे हैं। संविधान जब बना, उस वक्त संविधान को जलाने वाले लोग हैं।

Updated: Dec 16, 2024, 02:42 PM IST

नई दिल्ली। राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री या तो अतीत में रहते हैं या कल्पना लोक में... ऐसा लगता है कि वर्तमान उनकी डिक्शनरी में नहीं है। खड़गे ने कहा कि 11 साल में उन्होंने पीएम मोदी ने कौन सा काम किया है, जिससे लोकतंत्र और संविधान मजबूत हुआ हो।

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने गरीबों को आर्थिक रूप से कुचल दिया, वे भी हमें आर्थिक मजबूती का पाठ पढ़ा रहे हैं। यदि देश में भू-सुधार, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, मनरेगा, फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट और शिक्षा का अधिकार जैसे काम न हुए होते तो गरीबों का हाल बहुत बुरा होता।

खड़गे ने आगे कहा कि आज 16 दिसंबर है, जो कि बांग्लादेश का लिबरेशन डे है। हमारी बहादुर नेता श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े करके बांग्लादेश बनाया था और देश की शान पूरी दुनिया में बढ़ाई थी। आयरन लेडी रहीं श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने ऐसा करके दिखा दिया था कि हमारे देश के नजदीक जो भी आएगा, उसकी खैर नहीं। लेकिन आज बांग्लादेश के जैसे हालात हैं, सरकार के लोग उसे आंख खोल कर देखें और वहां के अल्पसंख्यकों को बचाने का प्रयास करें।

खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी ने संसद और लोगों को फिर गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि 1947 से 1952 तक कोई चुनी हुई सरकार नहीं थी, लेकिन दूसरी तरफ कहा कि वे कानूनी संशोधन ला रहे थे। खड़गे ने कहा कि मैं पीएम मोदी को याद दिलाना चाहता हूं कि देश की आजादी के लिए जिन्होंने लड़ाई लड़ी उन पर टिप्पणी करने का अधिकार उन्हें नहीं है। खड़गे ने आगे कहा कि नेहरू के खिलाफ नफरत में पीएम मोदी इतना आगे निकल गए कि उन्होंने अंतरिम सरकार, संविधान और अपने नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर भी सवाल उठा दिया।

खड़गे ने आगे कहा कि आरएसएस के नेताओं ने संविधान का विरोध किया था क्योंकि ये मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। ऑर्गेनाइजर ने इसे लेकर संपादकीय भी लिखा था। न तो इन्होंने संविधान को स्वीकार किया और ना ही तिरंगा झंडे को माना और इसी वजह से 26 जनवरी 2002 को कोर्ट के आदेश पर संघ मुख्यालय पर तिरंगा मजबूरी में फहराना पड़ा। हमारा संविधान हर व्यक्ति को शक्तिशाली बनाता है। भेदभाव की गुंजाइश नहीं है लेकिन संविधान पर खतरा बना हुआ है। इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेजकर रखने के लिए हमें सतर्क रहना पड़ेगा। इनकी मंशा कब बदलेगी, मालूम नहीं।

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कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आप समाजवाद की बात करते हो। आप पढ़ो इसको। जो लोग झंडे से, अशोक चक्र से, संविधान से नफरत करते हैं, ये लोग आज हमको पाठ पढ़ा रहे हैं। संविधान जब बना, उस वक्त संविधान को जलाने वाले लोग हैं। रामलीला मैदान में नेहरू, बाबासाहब और महात्मा गांधी का पुतला रखकर रामलीला मैदान में ये लोग जलाए जिस दिन संविधान लागू हुआ।