पीएम मोदी ने की मन की बात तो थाली बजाकर बोले किसान, ज़रा हमारी भी सुन लें सरकार
मोदी के मन की बात का थाली बजाकर विरोध, महिलाओं-पुरुषों ने सड़कों पर उतरकर बुलंद की अपनी आवाज़, किसानों ने कहा सिर्फ़ अपने मन की न कहें, हमारी भी सुनें प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का जवाब आज किसानों और उनके समर्थकों ने थाली और ढोल-नगाड़े बजाकर दिया। दरअसल केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने लोगों से अपील की थी कि वे मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान थाली और ढोल-नगाड़े बजाकर उनके हक की आवाज़ बुलंद करें। किसानों की इस अपील पर आज देशभर में दिलचस्प नजारा देखने को मिला। प्रधानमंत्री रेडियो-दूरदर्शन के जरिए अपने मन की बात सुनाते रहे और किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे लोग थाली, ढोल, नगाड़े बजाकर अपना विरोध जताते रहे।
किसान नेता रजिंदर सिंह दीप का कहना है कि आंदोलन के दौरान कई किसानों की जान अबतक जा चुकी है लेकिन देश के प्रधानमंत्री अब भी सिर्फ अपने मन की बात कर रहे हैं। लोगों के मन की बात और किसानों की तकलीफ वे सुनने को तैयार नहीं हैं। इसलिए, ऐसे ग़ैरजिम्मदार नेता जो देश के लोगों की मन की बात सुनना नहीं चाहते, उनके मन की बात भी किसी को नहीं सुननी चाहिए।
पिछले 32 दिनों से कड़कड़ाती ठंड में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर कुछ इस तरह प्रदर्शन किया।
किसान आन्दोलन के 32वें दिन आज
— Ashutosh Yadav (@yadavashutosh49) December 27, 2020
जिल्लेइलाही जब #मोदीके_बकवास_की_बात कर रहें थे तो वहीं सिंधु बार्डर पर अन्नदाताओं ने ताली, थाली बजाकर कार्यक्रम का कुछ इस तरह विरोध किया..किसानों का हौसला देखने लायक़ है!!
जय हो... pic.twitter.com/pWjnzReSRy
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना तहसील अंतर्गत मूसा खेड़ा गांव से मन की बात के विरोध की जो तस्वीरें सामने आई है उसमें देखा जा सकता है कि गांव के महिलाएं, पुरुष, बच्चे बूढ़े सभी इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
मोदी की मन की बात का विरोध किया जा रहा है उसने कहा था थाली खड़काओ करोना भगाओ लेकिन अब लोगों ने कहा है कि ताली और थाली दोनों खड़काओ मोदी बीजेपी को भगाओ। गांव मूसा खेड़ा तहसील टोहाना जिला फतेहाबाद हरियाणा किसान मजदूर एकता जिंदाबाद pic.twitter.com/x9E86htGZC
— Gurtej Singh (@GurtejS37987636) December 27, 2020
हरियाणा बॉर्डर शाहजहांपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पीएम के मन की बात के विरोध में थाली-ताली और ड्रम बजाकर रैली निकाली गई।
@narendramodi #किसानो की मन की बात कब सुनी जाएँ
— jagmohan/Khohara (@Ex__sarpanch) December 27, 2020
कब तक भागोगे #किसान_की_बात से
आज किसान आन्दोलन हरियाणा बॉर्डर शहाजहांपुर
में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आन्दोलन स्थल पर प्रधानमंत्री की
मन की बात का विरोध स्वरूप थाली-ताली डृम बजाकर रैली निकाली गई। pic.twitter.com/Ofw4KFzjXD
वहीं उत्तरप्रदेश में किसानों के आह्वान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राजधानी लखनऊ स्थित बीजेपी मंत्रियों के आवास पर थाली बजाकर केंद्र सरकार का विरोध किया।
इस ठंड के ठिठुरन में किसान लगभग 28 दिनों से सड़कों पर है। भाजपा सरकार किसानों का दमन कर रही है।
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) December 23, 2020
आज लखनऊ में बहुखंडी स्थित भाजपा विधायकों - मंत्रियों के आवास पर ताली - थाली बजाकर सरकार का विरोध किया।#किसान_हमारा_अभिमान pic.twitter.com/Yr8zFiPly1
यूपी के ही बाराबंकी जिले में भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने ताली-थाली बजाकर विरोध दर्ज किया।
यूपी के बाराबंकी जिले में
— Sushil Kumar Singh (@SushilK96168392) December 27, 2020
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)
द्वारा
पीएम मोदी के #मन_की_बात
कार्यक्रम का #विरोध थाली-ताली बजाकर
दर्ज कराया गया। pic.twitter.com/WYaVD6AteC
इसी तरह से देशभर से थाली बजाकर पीएम के मन की बात कार्यक्रम के विरोध के कई विजुअल्स और तस्वीरें सामने आई हैं।
साहेब के बन्दरों गोदी मीडिया के धुरंधरों किसान भाइयों की ताली-थाली की आवाज तुम्हारे कानों तक कब पहुचेगी.?
— Heera Lal Vishwakarma (@HLVishwakarma) December 27, 2020
#मोदी_बकवास_बंद_कर pic.twitter.com/SCMlC85Bmi
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, जैसे पीएम मोदी ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसानों ने भी थाली बजाई ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए। अब बस सरकार के लिए संकेत है कि सरकार जल्द सुधर जाए।'
यह भी पढ़ें: पीएम की बात VS किसान की गुहार: मोदी करेंगे मन की बात तो थाली बजाएंगे किसान
नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने की मांग को लेकर किसान दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में जुटे हुए हैं। किसान संगठनों ने शनिवार की बैठक में सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। बैठक के किए किसानों ने 4 मुद्दों का एजेंडा भी तय किया गया है। इसके साथ ही किसानों ने आंदोलन की आगे की रूपरेखा भी तय कर दी है। अगर बातचीत बेनतीजा रही तो किसान संगठन अपना आंदोलन और तेज करेंगे और उन्होंने 30 दिसंबर को सिंघू-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने का आह्वान किया है।