Rajasthan: शर्तों के साथ विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश

गवर्नर कलराज मिश्र ने कहा है कि 21 दिन के नोटिस पर बुलाया जाए सत्र, विधानसभा सत्र ना बुलाने का कोई इरादा नहीं था

Updated: Jul 28, 2020, 10:01 PM IST

जयपुर। राजस्थान में सियासी घमासान के बीच राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश दे दिया है। साथ ही यह भी कहा कि सत्र ना बुलाने का इरादा नहीं था। हालांकि, राज्यपाल ने इस संदर्भ में सरकार से तीन बिंदुओं को स्पष्ट करते हुए फिर से आवेदन भेजने के लिए कहा है। इससे पहले उन्होंने राजस्थान मंत्रिमंडल के विधानसभा सत्र बुलाने के दूसरे प्रस्ताव को कुछ सवालों के साथ वापस लौटा दिया था। जिसके बाद पूर्व कानून मंत्रियों ने उन्हें पत्र लिखकर कहा कि राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने के लिए बाध्य है।

राज्यपाल द्वारा भेजे गए पहला बिंदु में कहा गया है कि विधानसभा सत्र 21 दिन का क्लियर नोटिस देकर बुलाया जाए ताकि संविधान के अनुच्छेद 14 के अंतरगत सभी को समान अवसर मिले। दूसरे बिंदु में कहा गया है कि अगर विश्वास मत हासिल करने के लिए विधानसभा सत्र आयोजित किया जाता है तो प्रमुख सचिव की उपस्थिति में किया जाए और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए। तीसरे बिंदु में सरकार से ये पूछा गया है कि अगर विधानसभा सत्र आयोजित होता है तो सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन किस तरह किया जाएगा।

राज्यपाल के इस फैसले को गहलोत कैंप की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। बताया जा रहा कि विधानसभा सत्र बुलाकर अशोक गहलोत अपना बहुमत साबित करना चाहते हैं।

Rajasthan Governor Kalraj Mishra orders State Government to call for an Assembly Session. Not convening the Assembly was never the intention: Raj Bhawan, Rajasthan pic.twitter.com/mKt2qdmuSp

— ANI (@ANI) July 27, 2020

वहीं राज्य में बहुत तेजी से घट रहे घटनाक्रम में राज्यपाल को हटाने के लिए राजस्थान हाई कोर्ट में एक याचिका डाली गई है। दूसरी ओर बीजेपी की तरफ से बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती देती हुई एक याचिका भी राजस्थान हाई कोर्ट में डाली गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे पहले बीएसपी ने राजस्थान में विश्वास मत के दौरान अशोक गहलोत का साथ ना देने के लिए व्हिप जारी किया। जिसके जवाब में कांग्रेस में शामिल हो चुके एक बसपा विधायक ने कहा कि वे किसी भी हालत में कांग्रेस का ही साथ देंगे।

दूसरी तरफ सुबह विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को दोबारा लौटाए जाने के राज्यपाल के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री बहुमत साबित करना चाहता है उसे कोई नहीं रोक सकता और वह विधानसभा सत्र बुलाने का हकदार है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की तरफ से नियुक्त राज्यपालों ने संविधान की भावना का उल्लंघन किया है और लोकतंत्र को कमजोर किया है।

इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के राज्यपाल पर बीजेपी के इशारों पर काम करने और जानबूझकर विधानसभा सत्र ना बुलाने का आरोप लगाया था। इसके चलते पार्टी देश के हर राज्य में राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।