Sachin Pilot: एक महीने के विद्रोह के बाद जयपुर लौटे सचिन

Rajasthan News: सचिन पायलट ने कहा कि मेरे मन में किसी के लिए कोई विद्वेष नहीं, अशोक गहलोत राज्य के मुखिया के तौर पर अपनी जिम्मेदारी समझेंगे

Updated: Aug 12, 2020, 10:05 AM IST

Photo Courtesy: Swaraj Express
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जयपुर। अपनी कांग्रेस में वापसी के लिए तैयार सचिन पायलट ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के भीतर अपनी बात उठाना कोई विद्रोह नहीं है। पार्टी नेतृत्व से उन्होंने कोई मांग नहीं की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बारे में पायलट ने कहा कि वे राज्य के मुखिया के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे। पायलट ने कहा कि हमने सैद्धांतिक मुद्दे उठाए थे।

जयपुर में पत्रकार वार्ता में सचिन ने यह भी कहा कि अगर कोई गलती हुई है तो वे इसे सुधारने के लिए तैयार हैं। उनके अंदर कोई घमंड नहीं है और ना ही वे किसी से विद्वेष रखते हैं। हालांकि वो सुधार की उम्मीद दूसरी तरफ से भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुधार के लिए दिए गए सुझावों को नकारात्मक तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए।

इस दौरान उनकी नाखुशी इस बात पर साफ झलकी कि उनके खिलाफ बयानबाज़ी हुई, वो उचित नहीं था। याद दिला दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें नकारा कहा था। सचिन ने कहा कि "मैंने राजनीति में शालीनता रखते हुए कभी कोई शब्द नहीं बोला। लेकिन मुझे एसओजी के माध्यम से नोटिस भेजा गया। हमलोगों को लगा जो देशद्रोह का चार्ज लगा है, वो न्यायोचित नहीं है। एसीबी, एसओजी समेत और भी जो घटनाक्रम पिछले डेढ़ साल में होते रहे उसे लेकर हम दिल्ली गए थे।" पायलट ने कहा कि निलंबन, पुलिस केस समेत तमाम घटनाक्रम जो हुए वो सकारात्मक नहीं थे।

अब तक के सियासी घटनाक्रम को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि हमें लेकर कई अटकलें लगाई गईं। हमारे खिलाफ कई तरह का वातावरण बनाने की कोशिश की गई, लेकिन एक महीने पहले ही मैंने कहा था कि 'सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं'.

सचिन पायलट कैंप के विधायकों ने कहा कि वे जनता से किए गए वादे पूरे नहीं किए जाने से नाराज थे। कांग्रेस पार्टी से उनकी कोई शिकायत नहीं है। वे पहले भी पार्टी में थे और आगे भी पार्टी में रहकर काम करते रहेंगे। दिल्ली से पायलट के जयपुर पहुंचने पर उनके समर्थकों के हुजूम ने नारे लगाए।  

 इससे पहले पायलट दस अगस्त को दिल्ली में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से मिले थे। मुलाकात के बाद उन्होंने तीनों के धन्यवाद देते हुए कहा था कि वे पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। तब मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि पायलट ने राहुल के सामने कुछ मांगे भी रखीं। हालांकि, अब पायलट इससे इनकार कर रहे हैं। फिलहाल उनकी घरवापसी हो गई है और अशोक गहलोत की सरकार पर बना संकट टल गया है।