संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन, केंद्र का मणिपुर मामले में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा से इनकार
विपक्ष के कई सांसदों ने राज्यसभा और लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, सभी सांसद मणिपुर मामले पर पीएम मोदी से जवाब चाहते हैं, हालांकि, केंद्र सरकार चर्चा से इनकार कर रही है

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और यौन उत्पीड़न के वायरल वीडियो पर संसद में जमकर हंगामा हुआ। आज भी कई विपक्षी पार्टियों की ओर से मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया गया है, हालांकि सरकार चर्चा से बचती नजर आ रही है।
विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, कांग्रेस के सांसद राजीव शुक्ला और आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा ने नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस दिया है। उधर लोकसभा में कांग्रेस के सांसद मनिकैम टैगोर, मनीष तिवारी और गौरव गोगोई ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। सभी सांसदों ने मणिपुर हिंसा पर संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की भी मांग की है।
हालांकि, केंद्र सरकार स्थगन प्रस्ताव को ख़ारिज कर रही है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने बताया कि सुबह उन्हें राज्यसभा सचिवालय का पत्र मिला जिसमें उन्हें कहा गया कि आपका नोटिस अस्वीकार कर दिया गया है। सिंह ने इसे तानाशाही करार देते हुए ट्वीट किया, 'तानाशाही की पराकाष्ठा है। मणिपुर हिंसा होगी लोग मारे जाएँगे, महिलाओं की निवस्त्र परेड होगी, रेप होगा, लेकिन देश के सर्वोच्च सदन में बोलने की इजाज़त नही होगी। मुझे अभी सुबह-सुबह ये पत्र मिला की मणिपुर पर मेरा नोटिस अस्वीकार हो गया। मोदी जी आपकी तानाशाही का भी अंत होगा।'
तानाशाही की पराकाष्ठा है।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 21, 2023
मणिपुर हिंसा होगी लोग मारे जाएँगे, महिलाओं की निवस्त्र परेड होगी, रेप होगा, लेकिन देश के सर्वोच्च सदन में बोलने की इजाज़त नही होगी।
मुझे अभी सुबह-सुबह ये पत्र मिला की मणिपुर पर मेरा नोटिस अस्वीकार हो गया।
मोदी जी आपकी तानाशाही का भी अंत होगा। pic.twitter.com/d639j5FYkd
विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की है। उन्होंने अपने नोटिस में मणिपुर की स्थिति को चिंताजनक ताते हुए सदन में इस पर चर्चा कराने की मांग की है। उन्होंने अनुरोध किया है कि सदन में सभी कार्यों को रोककर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए। हालांकि, केंद्र सरकार दूसरे दिन भी चर्चा से भागती नजर आ रही है।
Manipur is burning. Women are raped, naked, paraded and horrific violence is taking place.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 20, 2023
But the Prime Minister has kept quiet for so long.
Today, after so much outrage, he gave a statement outside the Parliament.
We want a detailed discussion on Manipur and PM Modi should… pic.twitter.com/oeuCxG72Az
इसके पहले गुरुवार को भी मणिपुर मामले में केंद्र ने संसद में कोई जवाब नहीं दिया। इसे लेकर दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, 'मणिपुर जल रहा है। महिलाओं के साथ बलात्कार किया जाता है, नग्न किया जाता है, घुमाया जाता है और भयानक हिंसा हो रही है। लेकिन प्रधानमंत्री इतने दिनों से चुप हैं। इतने आक्रोश के बाद आज उन्होंने संसद के बाहर बयान दिया। हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं और पीएम मोदी को सदन में इस पर विस्तृत बयान देना चाहिए। हम मणिपुर के मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग करते हैं।'