टॉयलेट और जूठे बर्तन साफ करने होंगे, अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को सुनाई सजा

सजा सुनाते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल को एक घंटा बाथरूम साफ करना होगा। फिर लंगर घर में जाकर जूठे बर्तन धोने होंगे। उन्हें इसके बाद कीर्तन सुनना होगा।

Updated: Dec 02, 2024, 08:18 PM IST

अमृतसर। सिखों की सर्वोच्च अस्थायी संस्था अकाल तख्त ने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल को सजा सुनाई है। पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल (स्वर्ण मंदिर) में सोमवार को अकाल तख्त साहिब ने सजा सुनाते हुए कहा कि उन्हें टॉयलेट और जूठे बर्तन साफ करने होंगे।

सजा सुनाते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल को एक घंटा बाथरूम साफ करना होगा। फिर लंगर घर में जाकर जूठे बर्तन धोने होंगे। उन्हें इसके बाद कीर्तन सुनना होगा। साथ ही श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। रघबीर ने ये भी कहा कि पूर्व CM स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से 'फक्र ए कौम' सम्मान वापस लिया जाएगा।

रघबीर सिंह ने सजा सुनाते हुए कहा कि सुखबीर सिंह बादल को चोट के चलते श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर ड्यूटी करनी है। ये ड्यूटी वह व्हीलचेयर पर बैठ कर देंगे। जत्थेदार ने कहा कि सुखबीर बादल समेत कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वह नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। साथ ही उन्हें एक घंटा बैठकर कीर्तन सुनना होगा।

जत्थेदार के मुताबिक, सजा के दौरान सुखबीर सिंह बादल के गले में तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा। ये सजा उन्हें 2 दिन के लिए दी गई है। इसके बाद 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर हाथ में बरछा लेकर ड्यूटी करेंगे।

राम रहीम मामले में श्री अकाल तख्त में 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई। इस मामले में 30 अगस्त 2024 को सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त ने 'तनखैया' (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया था।

सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। इसी मामले में अकाल तख्त ने ये सजा सुनाई है।