भाजपा सरकार के टीकाकरण के आंकड़े फर्जी, त्रिपुरा हाई कोर्ट में हुई बिप्लब देव सरकार की फजीहत

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने हाल ही में दावा किया था कि टीकाकरण के मामले में त्रिपुरा देश भर में शीर्ष पर है, लेकिन हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विप्लव देव और उनके स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई

Updated: Jul 11, 2021, 07:59 AM IST

नई दिल्ली। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने देश भर में टीकाकरण के मामले में त्रिपुरा के शीर्ष पर होने का दावा कर वाहवाही तो लूट ली, लेकिन खुद त्रिपुरा हाई कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े को फर्जी करार दे दिया। त्रिपुरा हाई कोर्ट में बिप्लब सरकार की उस समय फजीहत हो गई जब हाई कोर्ट ने सरकार के टीकाकरण के आंकड़े को गलत करार देते हुए एक संशोधित आंकड़ा प्रेस में जारी करने के लिए कह दिया। 

हिंदी के एक प्रमुख अख़बार के मुताबिक जस्टिस अकील कुरैशी की पीठ राज्य में कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी। इस दौरान कोर्ट ने भाजपा शासित राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी टीकाकरण के आंकड़े को गलत करार दे दिया। 

दरअसल हाल ही में खुद मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने यह दावा किया था कि राज्य में अस्सी फीसदी से ज्यादा लोगों को टीके की डोज दी जा चुकी है। जबकि 45 वर्ष से अधिक की उम्र वाले लोगों में टीकाकरण का यह आंकड़ा 98 फीसदी बताया गया। लेकिन त्रिपुरा हाई कोर्ट जब सुनवाई कर रही थी, तब हाई कोर्ट ने खुद त्रिपुरा सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े पर सवाल खड़े कर दिए। 

हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह के दावे तभी सच हो सकते हैं जब कोई सरकार पारदर्शितापूर्ण तरीके से आंकड़े जारी करे। हाई कोर्ट ने कहा कि मशीनरी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर लोगों को तभी भरोसा होगा जब वह आंकड़ा सटीक होगा। हाई कोर्ट ने कहा कि एक ज़िम्मेदार अधिकारी ने गलत जानकारी उपलब्ध कराई, अब एक संशोधित आंकड़ा प्रेस को उपलब्ध कराई जानी चाहिए।