बीजेपी की तरह काम कर रही है टीआरएस सरकार, हैदराबाद में केसीआर पर बरसे दिग्विजय सिंह

पार्टी का अनुशासन सर्वोपरि, हाल के घटनाओं की पुनरावृति हुई तो लेंगे एक्शन, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, तेलंगाना कांग्रेस नेताओं को दिग्विजय सिंह की नसीहत

Updated: Dec 24, 2022, 02:45 AM IST

हैदराबाद। तेलंगाना कांग्रेस में अंतर्कलह दूर करने हैदराबाद पहुंचे दिग्विजय सिंह ने सभी नेताओं से मुलाकात के बाद शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान सिंह ने पार्टी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी का अनुशासन सर्वोपरि है। हाल के घटनाओं की पुनरावृति हुई तो सख्त एक्शन लेंगे, चाहे कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो। इस दौरान सिंह ने सीएम केसीआर को निशाने पर लेते हुए कहा कि टीआरएस सरकार (अब बीआरएस) बीजेपी की तरह ही काम कर रही है।

दरअसल, कुछ वरिष्ठ नेताओं की शिकायत के मद्देनजर पार्टी की राज्य इकाई में संकट को हल करने के लिए हाईकमान ने राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को हैदराबाद भेजा था। सिंह ने पिछले दो दिनों में सभी नाराज नेताओं से मुलाकात कर वन टू वन चर्चा की और उनकी शिकायतें दूर करने का आश्वासन दिया। हैदरबाद से दिल्ली आने से पहले सिंह ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए तमाम मुद्दों पर अपनी बातें रखी।

पार्टी का अनुशासन सर्वोपरि: दिग्विजय सिंह 

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश कांग्रेस के असंतुष्ठ नेताओं को लेकर कहा कि, 'राजनीति में महत्वाकांक्षा होना स्वाभाविक है। लेकिन पार्टी का अनुशासन सर्वोपरि होता है। मैं हाथ जोड़कर सभी कांग्रेसजनों को, विशेषकर वरिष्ठ नेताओं से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें जो भी बात करना है पार्टी फोरम पर करें। आरोप-प्रत्यारोप की कोई आवश्यकता नहीं है। इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व ने साफ फैसला किया है कि इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ है तो कार्रवाई की जाएगी, चाहे कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो।' सिंह ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि, 'तेलंगाना में सत्ता विरोधी लहर है, लेकिन कांग्रेस को एकजुट होकर इस अभियान में जुड़ना होगा। एकता आवश्यक है और एकता के माध्यम से ही हम इन भ्रष्ट और सत्तालोलुप पार्टियों को हरा सकते हैं। 

सिंह ने इस दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' को रोकने का प्रयास कर रही है। क्योंकि बीजेपी और आरएसएस पदयात्रा को मिल रहे भारी समर्थन से घबराई हुई है। इसीलिए भारत जोड़ो यात्रा को बंद करने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दी हैं। अगर COVID से खतरा है तो नीति सबके लिए समान होनी चाहिए। भाजपा की सभाएं चलती रहें, राजस्थान में भाजपा की रैलियां, चलती रहे। लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सिर्फ कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को रोकने का सुझाव दे रहे हैं। स्पष्ट है कि यात्रा से भाजपा और आरएसएस घबराई हुई है।'

कांग्रेस ने तेलंगाना राज्य बनाया: दिग्विजय सिंह

सिंह ने मुख्यमंत्री केसीआर को निशाने पर लेते हुए कहा कि, 'तेलंगाना राज्य बिना कांग्रेस के समर्थन के बन नहीं सकता था। तेलंगाना राज्य बनाने का श्रेय कांग्रेस पार्टी को जाता है। केसीआर जो भी कहें... लेकिन उस समय टीआरएस के दो सांसद ही थे। क्या दो लोगों से तेलंगाना राज्य का गठन हो सकता था? लेकिन तेलंगाना के घटन के बाद उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ ही अभियान चलाया। अकृतज्ञता का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है।'

उन्होंने आरोप लगाया कि, 'राज्य में कांग्रेस के लोगों को धमकाया जा रहा है, खरीदा जा रहा है। जिस तरह से बीजेपी धमकी देकर और खरीद फरोख्त के माध्यम से लोगों को शामिल कर रही है उसी प्रकार से केसीआर तेलंगाना में कर रहे हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं।' कांग्रेस नेता ने पूछा कि केसीआर की टीआरएस (अब बीआरएस) और बीजेपी के क्या संबंध है? जो भी कानून आते हैं टीआरएस उनका समर्थन क्यों करती है? फ्लोर पर उनका समर्थन और बाहर नूराकुश्ती ये बातें जनता के सामने आनी चाहिए।

बीजेपी के खिलाफ ओवैसी आवाज क्यों नहीं उठाते: दिग्विजय सिंह 

इस दौरान उन्होंने एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी से सवाल किया कि बीजेपी जिस तरह अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करती है, उसके खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाते? सिंह ने कहा कि, 'देश में बीजेपी अल्पसंख्यकों को परेशान कर रही है। फर्जी केस लादे जा रहे हैं, बुलडोजर चलाया जा रहा है, घर तोड़े जा रहे हैं, मॉब लिंचिंग की जा रही है। उसपर ओवैसी चुप रहते हैं। और बीजेपी को जिताने के लिए उन सीटों पर चुनाव लड़ते हैं जहां एआईएमआईएम का अस्तित्व नहीं होता।'

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि, 'तेलंगाना में राजशेखर रेड्डी ने अल्पसंख्यकों को चार फीसदी आरक्षण दिया था। इसका भारी लाभ मिला। युवकों को नौकरी मिली, कॉलेजों में दाखिला मिला। उसे घटकर केसीआर सरकार में तीन फीसदी कर दिया गया। ओवैसी ने उसे बढ़ाकर 12 फीसदी करने का वादा किया था। लेकिन आज वे इसपर मौन क्यों हैं? केसीआर की मदद क्यों कर रहे हैं? क्योंकि उन्हें अपनी दुकान चलानी है।' बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अविभाजित आंध्र प्रदेश में पार्टी मामलों के एआईसीसी प्रभारी के रूप में कर्तव्य निभा चुके हैं। स्थानीय नेताओं के साथ उनके अच्छे तालमेल को देखते हुए ही तेलंगाना संकट का हल निकालने के लिए उन्हें हैदराबाद भेजा गया था।