आलू की आड़ में गांजे की तस्करी, छत्तीसगढ़ में 1 करोड़ के गांजे के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार

पुलिस ने 540 किलो गांजा किया जब्त, ओडिशा से छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्यप्रदेश लाने की थी तैयारी, आलुओं की बोरियों में छिपा कर रखा गया था गांजा

Updated: Nov 27, 2021, 10:59 AM IST

Photo Courtesy: janta se rishta
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महासमुंद। छत्तीसगढ़ में पुलिस ने गांजा तस्करों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। पुलिस ने चेकिंग के दौरान  आलू की बोरियों के नीचे छिपाकर की जा रही गांजे की तस्करी का खुलासा किया है। महासमुंद पुलिस ने 540 किलो गांजा समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गांजे का बाजार मूल्य करीब 1 करोड़ 8 लाख आंका गया है। पुलिस ने 18 बोरियों में रखा गांजा जब्त कर लिया है।

गिरफ्तार किए गए तस्करों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि यह खेप छत्तीसगढ़ के रास्ते ओडिशा से मध्यप्रदेश ले जाई जा रही थी। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई की है। इस गांजे को छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में खपाने की तैयारी थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई जारी है।

महासमुंद पुलिस ने बताया कि ओडिशा से महासमुंद के रास्ते बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ की तस्करी की खबर मिली थी। जिसके बाद स्थानीय बसना थाना पुलिस टीम को अलर्ट किया गया। कई जगहों पर चेकिंग प्वाइंट बनाए गए थे। आखिरकार पदमपुर ओडिशा से महासमुंद की तरफ आने वाले रास्ते में पुलिस को संदिग्ध ट्रक मिला। जब पुलिस ने जांच की तो आलू के बीच गांजा पकड़ा है। तस्करों की पहचान 32 वर्षीय राजेंद्र श्याम और शिवकुमार ताडिया के रूप में हुई है।दोनों छत्तीसगढ़ के ही निवासी हैं।

वहीं इस महीने पुलिस दो और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे चुकी है। महासमुंद से ही 420 किलो गांजा पकड़ा गया था, इस खेप के साथ उत्तर प्रदेश के दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। तब आरोपियों ने पुलिस को चकमा देने के लिए लोहे के सामान के साथ गांजा छिपाया था, गांजे का बाजार मूल्य 84 लाख रुपए था।