जो मल्टीविटामिन आप नियमित रूप से लेते हैं वो नकली हो सकती है, हो सकता है बड़ा नुकसान, जानें
कई रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि बिना जरूरी मल्टीविटामिन लेने से नुकसान हो सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कब किसी व्यक्ति को मल्टीविटामिन की जरूरत होती है।

हमें जिंदा रहने के लिए भोजन की जरूरत होती है और भोजन से हर तरह के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, मिनिरल्स, कार्बोहाइड्रैट, फैट और विटामिंस की जरूरत होती है। इनमें से विटामिन की जरूरत सबसे कम होती है लेकिन शरीर के अधिकांश काम विटामिन के बगैर पूरा ही नहीं हो पाते हैं। यदि हम हेल्दी डाइट लें तो विटामिन की प्राप्ति अपने आप हो जाती है लेकिन जब डाइट अनहेल्दी हो जाए तो हर तरह के विटामिंस को प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है लोगों को अक्सर थकान, अनिद्रा, कमजोरी आदि की शिकायत रहती है। मजे की बात यह है कि जैसे ही लोगों को कमजोरी महसूस होती है, वह खुद से ही मल्टीविटामिन की गोली ले लेते हैं। लेकिन क्या सच में हर ऐसे इंसान को मल्टीविटामिन की जरूरत होती है जिसे कमजोरी या थकान है।
कई रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि बिना जरूरी मल्टीविटामिन लेने से नुकसान हो सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कब किसी व्यक्ति को मल्टीविटामिन की जरूरत होती है। अगर होती है तो कब तक उसे मल्टीविटामिन लेना चाहिए और एक दिन में कितना लेना चाहिए।
क्या है मल्टीविटामिन ?
मल्टीविटामिन टैबलेट, कैप्सूल, लिक्विड और पाउडर में आता है। ये आमतौर पर बी कॉम्पलेक्स, कैल्शियम और विटामिन डी का कॉम्बिनेशन होता है। इसके अलावा एक कॉप्रिहेंसिव मल्टीविटामिन आता है। दुनिया में अरबों डॉलर मल्टीविटामिन सप्लीमेंट का कारोबार है। हालांकि मल्टीविटामिन के लिए आपको बहुत महंगे ब्रांड का सप्लीमेंट लें, यह जरूरी नहीं क्योंकि सस्ते ब्रांड का मल्टीविटामिन भी कारगर है।
कई तरह की बीमारियां और पोषक तत्वों की कमी से मल्टीविटामिंस की कमी हो सकती है। जब विटामिंस की कमी हो जाए तो इससे डाइजेस्टिव सिस्टम बिगड़ जाता है और कई तरह के क्रोनिक डिजीज का सामना करना पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी विटामिंस की कमी हो सकती है। विटामिन की कमी से हमें इंफेक्शन हो जाता है और हम कोल्ड एंड कफ, मांसपेशियों में ऐंठन, हार्ट प्रोब्लम और इम्यूनिटी की कमी से जूझने लगते हैं।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक जिन लोगों की डाइट हेल्दी नहीं है। यानी जिन लोगों के भोजन में रोजाना हरी सब्जी, ताजे फल, साबुत अनाज का अभाव होता है, उनलोगों को विटामिंस की कमी हो सकती है। वहीं बुजुर्ग लोगों में विटामिंस की कमी का जोखिम ज्यादा रहता है। ऐसे ही ही जिनका मेटाबोलिज्म ठीक से काम नहीं करता है, उन्हें मल्टीविटामिन की जरूरत है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में भी मल्टीविटामिन की जरूरत पड़ सकती है।
जिन लोगों को पेट से संबंधित बीमारियां हैं या जिन्हें ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है, उनमें मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम की भी कमी हो जाती है। मिनिरल्स की कमी के कारण विटामिंस की भी कमी हो जाती है. ऐसे में डॉक्टर यह तय करते हैं कि आपको मल्टीविटामिन की जरूरत है या नहीं।