मध्य प्रदेश में मानसून से पहले तेज आंधी और बारिश का दौर, 47 जिलों में अलर्ट जारी
मध्य प्रदेश में मानसून से पहले तेज आंधी और बारिश का दौर जारी है। शनिवार को उज्जैन में पेड़ गिरने से ट्रेनें प्रभावित हुईं और नीमच में टीनशेड उड़ गया। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर समेत 47 जिलों में तेज हवा और बारिश का अलर्ट जारी किया है। 16-17 जून तक मानसून के प्रदेश में प्रवेश की संभावना है।

भोपाल| मध्य प्रदेश में मानसून की आमद से पहले ही मौसम ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। शनिवार को प्रदेश के कई हिस्सों में तेज आंधी और बारिश हुई। उज्जैन में आंधी के कारण रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई, वहीं नीमच में तेज हवाओं ने टीनशेड उड़ा दिया। मौसम विभाग ने रविवार को भोपाल, इंदौर समेत कुल 47 जिलों में तेज आंधी और बारिश की चेतावनी दी है। इन जिलों में हवा की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 15 से 18 जून तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में इसी तरह का मौसम बना रहेगा। 15 जून को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, सागर, सतना, विदिशा, छिंदवाड़ा, बालाघाट समेत 47 जिलों में बारिश के आसार हैं। 16 जून को निवाड़ी, टीकमगढ़, सिंगरौली और शहडोल समेत अन्य जिलों को भी इस सूची में शामिल किया गया है। 17 जून को डिंडौरी और अनूपपुर में तेज बारिश का विशेष अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य जिलों में आंधी-बारिश की संभावना बनी रहेगी। 18 जून को भी अधिकांश जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है, सतना में भारी बारिश का अंदेशा है।
यह भी पढ़ें: केदारनाथ के पास रुद्रप्रयाग में हेलिकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत 5 लोगों की मौत
शनिवार को भी कई जिलों में तेज हवाओं और बारिश का असर दिखा। उज्जैन, छिंदवाड़ा, धार, सागर, खजुराहो, नीमच और शाजापुर में आंधी के साथ वर्षा दर्ज की गई। छिंदवाड़ा में करीब तीन चौथाई इंच बारिश हुई, जबकि नीमच में तेज आंधी ने मकान के टीनशेड को उड़ा दिया। उज्जैन में रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से ट्रेनें रोकनी पड़ीं, जिससे यात्री परेशान हुए। गर्मी भी कम नहीं हुई। नर्मदापुरम में तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि खजुराहो में 44.7, नौगांव में 44.6, और सतना में 43.1 डिग्री तापमान दर्ज हुआ।
प्रदेश के बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 40.4, इंदौर में 38.8, ग्वालियर में 42.5, उज्जैन में 40 और जबलपुर में 40.3 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अब मानसून की स्थिति में सुधार हुआ है और यह 16 से 17 जून तक मध्यप्रदेश में प्रवेश कर सकता है। सामान्य तौर पर मानसून 15 जून तक प्रदेश में पहुंच जाता है, लेकिन इस बार यह देरी से आ रहा है। पिछले साल यह 21 जून को पहुंचा था।
गौरतलब है कि इस बार गर्मी के मौसम में लगातार 43 दिनों तक प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में बारिश या आंधी दर्ज की गई, जो एक रिकॉर्ड है। 26 अप्रैल से शुरू हुआ यह सिलसिला 7 जून तक जारी रहा और एक दिन की विराम के बाद फिर से वर्षा का दौर शुरू हो गया। अब मानसून की सक्रियता के साथ आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की उम्मीद की जा रही है।