बेंजामिन नेतन्याहू की उल्टी गिनती शुरू, इजरायल के पीएम पद से हटना तय, एकजुट हुए विपक्षी दल

सबसे ज्यादा समय तक इजरायल के प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी पर खतरा, दक्षिणपंथी, मध्यममार्गी और वामपंथी तमाम मतभेदों को भुलाकर हुए एक

Updated: Jun 03, 2021, 08:12 AM IST

Photo Courtesy: The Times of Israel
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यरुशलम। फिलिस्तीन से विवाद के बाद अब इजरायल में बड़ा राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी खतरे में है। इजरायल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे नेतन्याहू का जाना लगभग तय माना जा रहा है। नेतन्याहू हो हटाने के लिए इजरायल की सभी विपक्षी पार्टियां अपने राजनीतिक मतभेदों को भूलकर एक हो गई हैं।

इजरायल में मध्यमार्गी मानी जाने वाली येश अतिद पार्टी के नेता याइर लापिड ने कहा है कि वे गठबंधन की सरकार बनाने की तैयारी में हैं। गठबंधन की सरकार बनाने के लिए इजरायल के दक्षिणपंथी, मध्यममार्गी और वामपंथी दल एक हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले सप्ताह इजरायल की नई सरकार बनाने के लिए संसद में वोटिंग हो सकती है। 

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सरकार में बेंजामिन के सहयोगी व यामिना पार्टी के नेता नेफ्टाली बेनेट विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं। अगले सप्ताह विपक्ष यदि 120 सीटों वाली संसद में बहुमत साबित कर देता है तो नेफ्टाली अगले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे और 12 साल बाद नेतन्याहू की पीएम पद से बेदखली होगी। वहीं विपक्ष दल यदि बहुमत साबित नहीं कर पाते हैं तो एक बार फिर से आम चुनाव होंगे। यदि ऐसा होता है तो पिछले दो साल में इजरायल में पांचवीं बार चुनाव होंगे।

बताया जा रहा है कि नेतन्याहू को हटाने के लिए विपक्षी दलों में बड़ी डील हुई है। विपक्षी दलों के बीच हुए डील के मुताबिक दो-दो साल के लिए पीएम की कुर्सी पर बैठने का फैसला लिया गया है। करार के तहत नफ्ताली बेनेट अगले दो साल यानी सरकार बनने से लेकर 2023 तक प्रधानमंत्री रहेंगे। उसके बाद याइर लापिड को दो साल यानी 2025 तक के लिए देश का कमान संभालने का मौका मिलेगा। विपक्षी दल अपनी सरकार बनने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।

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लापिड ने एक बयान में कहा है की, 'हमारी सरकार इजरायल के सभी लोगों के लिए काम करेगी। जो हमारे साथ हैं उनके लिए भी और जो हमारे खिलाफ हैं उनके लिए भी हम काम करेंगे। हमारा मुख्य ध्येय इजरायल के समाज को एकजुट करने का है।' सबसे खास बात यह है कि इजरायल में पहली बार अरब पार्टी भी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा होने जा रही है। 

दरअसल, इस्लामिक पार्टी यूनाइटेड अरब लिस्ट ने भी इस गठबंधन का हिस्सा बनने पर सहमति जताई है। यह पहला मौका है, जब कोई अरब-इजरायली पार्टी सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा बन रही है। पार्टी ने सरकार में किसी मंत्री पद की मांग नहीं की है, लेकिन अपने कुछ मुद्दों को लेकर सहमति बनी है। दक्षिणपंथी दलों और वामपंथी दलों में फिलिस्तीन से लेकर कई अहम मुद्दों पर गहरा मतभेद है, बावजूद सभी पार्टियां इस बार सिर्फ नेतन्याहू को सत्ता से बाहर करने के लिए एकजुट हुए हैं।