जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा, UN में पाकिस्तान को भारत की दो टूक

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में 'राइट टू रिप्लाइ' का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जिस देश ने अपने अल्पसंख्यकों के प्रणालीगत उत्पीड़न को संस्थागत बना दिया है और जिसका मानवाधिकार रिकॉर्ड वास्तव में खराब है, उसे भारत पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

Updated: Feb 29, 2024, 11:33 AM IST

जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर से भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में ‘राइट टू रिप्लाइ’ का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जिस देश ने अपने अल्पसंख्यकों के प्रणालीगत उत्पीड़न को संस्थागत बना दिया है और जिसका मानवाधिकार रिकॉर्ड वास्तव में खराब है, उसे भारत पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें नियमित सत्र के हाई लेवल सेगमेंट में ‘राइट टू रिप्लाई यानी जवाब देने का अधिकार’ का प्रयोग करते हुए प्रथम सचिव अनुपमा सिंह ने कहा कि यह बहुत खेदजनक है कि परिषद के मंच का एक बार फिर से पाकिस्तान द्वारा भारत के बारे में खुलेआम झूठे आरोप प्रचारित करने के लिए दुरुपयोग किया गया।

भारत की ओर से अनुपमा सिंह ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा, ‘पाकिस्तान की ओर से भारत के व्यापक संदर्भों के संबंध में हमने पाया कि परिषद के मंच का एक बार फिर भारत के खिलाफ स्पष्ट रूप से झूठे आरोप लगाने के लिए दुरुपयोग किया गया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जम्मू और कश्मीर और लद्दाख का संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक विकास और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए संवैधानिक उपाय भारत का आंतरिक मामला है. पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है '

प्रथम सचिव ने पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड को वास्तव में निराशाजनक बताते हुए कहा, ‘एक ऐसा देश जिसने अपने ही अल्पसंख्यकों के प्रणालीगत उत्पीड़न को संस्थागत बना दिया है और जिसका मानवाधिकार रिकॉर्ड वास्तव में निराशाजनक है, वह भारत पर टिप्पणी कर रहा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगस्त 2023 में पाकिस्तान के जरनवाला शहर में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर क्रूरता की गई, जिसमें 19 चर्चों को नष्ट कर दिया गया और 89 ईसाई घरों को जला दिया गया।'

अनुपमा सिंह ने आगे कहा, ‘एक ऐसा देश जो यूएनएससी द्वारा स्वीकृत आतंकवादियों को पनाह देता है और यहां तक कि उनका जश्न भी मनाता है, उसे उस भारत पर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है, जिसके बहुलवादी लोकाचार और लोकतांत्रिक प्रमाण दुनिया के लिए अनुकरणीय हैं। पाकिस्तान सरकार अपने नागरिकों के वास्तविक हितों की सेवा करने में विफल रही है और पाकिस्तान दुनिया भर में आतंकवाद को प्रायोजित करता है।'