संविदा नीति को लेकर बिजलीकर्मियों ने खोला मोर्चा, भोपाल में किया विरोध प्रदर्शन
संविदा नीति जुलाई 2023 में जारी हुई थी, लेकिन यह लागू नहीं हुई। बिजली कंपनी में काम करते हुए आठ कर्मचारियों की मौत हुई है। आज तक उनके परिवार को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं गई।

भोपाल। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही मध्य प्रदेश के बिजलीकर्मियों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को राजधानी भोपाल में विद्युतकर्मियों का प्रदर्शन देखने को मिला। उन्होंने इस दौरान चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार यदि 30 जून तक संविदा नीति लागू नहीं करती है तो जुलाई में बड़ा आंदोलन करेंगे।
यूनाइटेड फोरम फॉर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स के बैनर तले भोपाल के एमपी नगर स्थित बिजली कंपनी के ऑफिस के बाहर बिजलीकर्मियों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया। संगठन के अध्यक्ष वीकेएस परिहार ने कहा कि जून में संविदा नीति लागू कर दी जाए। ऐसा नहीं होने पर जुलाई में पूरे प्रदेश के संविदाकर्मी आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरेंगे।
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संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव-2023 के पहले कई विभागों की महापंचायत बुलाकर कर्मचारियों की मांग पूरी की गई थी। 4 जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों की भी महापंचायत लाल परेड मैदान में बुलाई गई थी। जिसमें उन्होंने मंच से ही ऊर्जा विभाग के कड़े परिश्रम की तारीफ की थी।
इसके बाद 22 जुलाई को संविदा नीति-2023 को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई थी। अधिकांश विभागों में सक्रियता के साथ नवीन संविदा नीति लागू कर दी गई। दूसरी ओर, बिजली कंपनी में कार्यरत 6 हजार संविदा अधिकारी-कर्मचारी 11 महीने से नीति लागू होने का इंतजार कर रहे हैं।
यूनाइटेड फोरम मध्य क्षेत्र कंपनी संयोजक आरएस कुशवाहा ने बताया, संविदा नीति जुलाई 2023 में जारी हुई थी, लेकिन यह लागू नहीं हुई। बिजली कंपनी में काम करते हुए आठ कर्मचारियों की मौत हुई है। आज तक उनके परिवार को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं गई। बिजली कंपनियों की गलत नीतियों का भुगतान संविदाकर्मी कर रहे हैं।