आशा है कि भारत के गण संविधान प्रदत्त तंत्र को समझेंगे, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिग्विजय सिंह का संदेश
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने संदेश में कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा भारतीय संविधान की रक्षा में निहित है।
भोपाल। देश शुक्रवार को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने देशवासियों के नाम संदेश जारी किया है। पूर्व सीएम ने आशा जताई है कि भारत के गण संविधान प्रदत्त तंत्र को समझेंगे।
राज्यसभा सांसद एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश और देश के नागरिकों को बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा है कि भारत दुनियां का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा भारतीय संविधान की रक्षा में निहित है। वर्तमान समय लोकतंत्र के समक्ष उत्पन्न हुई चुनौतियों का समय है और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करके ही इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
पूर्व सीएम सिंह ने इस अवसर पर लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए आशा प्रकट की है कि भारत के "गण" संविधान प्रदत्त "तंत्र" को समझेंगे और गणतंत्र की अक्षुण्णता बनाए रखने में अपने नागरिक कर्तव्यों का पालन करेंगे।
बता दें कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है। भारत को 1947 में ब्रिटिश राज से आजादी मिली, लेकिन 26 जनवरी, 1950 तक भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था। संविधान सभा का पहला सत्र 9 दिसंबर, 1946 को और आखिरी सत्र 26 नवंबर, 1949 को हुआ और फिर एक साल बाद संविधान को अपनाया गया।
गणतंत्र दिवस स्वतंत्र भारत की भावना का स्मरण कराता है क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने औपनिवेशिक शासन से पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। गणतंत्र दिवस भारतीय नागरिकों की लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति का भी स्मरण कराता है, इसलिए देश इसे भारतीय संविधान की स्थापना के रूप में मनाता है।