मैं अंदर से खुश नहीं हूं, मुझे चुनाव लड़ने की 1 प्रतिशत भी इच्छा नहीं: कैलाश विजयवर्गीय

मुझे टिकट जरूर मिल गया, लेकिन मैं खुश नहीं हूं। मेरी चुनाव लड़ने की एक पर्सेंट भी इच्छा नहीं है। अब अपन तो बड़े नेता हो गए हैं, अब हाथ जोड़ने कहां जाएं: कैलाश विजयवर्गीय

Updated: Sep 27, 2023, 01:46 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने रविवार को 39 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की जिसमें कई चौंकाने वाले नाम शामिल हैं। इस सूची में बीजेपी ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर 1 विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। विजयवर्गीय के कारण यह हॉट सीट बन गया है। हालांकि, विजयवर्गीय ने चुनाव लड़ने पर मजबूर किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मैं खुश नहीं हूं, मुझे चुनाव लड़ने की 1 प्रतिशत भी इच्छा नहीं थी।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'मुझे टिकट जरूर मिल गया, लेकिन मैं खुश नहीं हूं। मेरी चुनाव लड़ने की एक पर्सेंट भी इच्छा नहीं है। अब अपन तो बड़े नेता हो गए हैं, अब हाथ-बाथ जोड़ने कहां जाएं? भाषण दो और निकल जाओ। हमने चुनाव को लेकर यही प्लान बनाया था कि हर दिन 8 सभाएं करनी हैं। पांच हेलीकॉप्टर से और तीन कार से। इस तरह से इस पूरे चुनाव में हर दिन 8 सभाएं करनी हैं। इसका प्लान भी बन गया था। पर आप जो सोचते हैं वो होता कहां है, होता वही है जो भगवान की इच्छा होती है।'

विजयवर्गीय ने आगे कहा कि मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं उम्मीदवार हूं। मुझे लग ही नहीं रहा है कि मुझे टिकट मिल गया है। मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का निर्देश मुझे परसों मिल गया था। मैं असमंजस में था। एकदम अचानक मेरे नाम की घोषणा कर दी तो मैं आश्चर्यचकित रह गया। हालांकि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है, पार्टी ने मुझे चुनाव लड़ने के लिए भेजा है। मैं पार्टी का सिपाही हूं। मैं पार्टी की उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश करूंगा।

बहरहाल, विजयवर्गीय ने चुनाव प्रचार अभियान की औपचारिक शुरुआत कर दी है। मंगलवार को वे महाकाल मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। उज्जैन से लौटने के बाद विजयवर्गीय ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। हालांकि, बेटे को टिकट न मिलने को लेकर उनकी नाराजगी भी सामने आई। विजयवर्गीय ने कहा, 'आकाश और मुझे एक साथ टिकट नहीं मिलेगा। मेरे मन में पिता की हैसियत से ऐसा विचार आया था कि मैं क्यों चुनाव लड़ूं? आकाश ने मेहनत कर जगह बनाई है। लेकिन पार्टी का आदेश मानना ही पड़ेगा।'