भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के जवाब में कांग्रेस ने शुरू की वन अधिकार यात्रा, कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में दिखाई हरि झंडी
मध्य प्रदेश के चुनावी दौर में जहां भाजपा जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है वहीं कांग्रेस ने काउंटर अटैक करते हुए वन अधिकार यात्रा शुर की है।

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहे हैं। राजनीतिक हलचल और तेज होती जा रही हैं। प्रदेश के सभी राजनीतिक दल वोटरों को रिझाने की भरसक कोशिशें कर रहे हैं। वहीं चिरप्रतिद्वंद्वी भाजपा और कांग्रेस आदिवासी मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। क्योंकि विधानसभा चुनाव में आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएंगे। बीजेपी ने इसके लिए जन आशीर्वाद यात्रा की शुरआत की थी। वहीं अब कांग्रेस ने भाजपा के जवाब में वन अधिकार यात्रा शुरू कर दी है।
छिंदवाड़ा में मंगलवार को पीसीसी चीफ कमलनाथ ने वन अधिकार यात्रा को हरी झंडी दिखाई। यह यात्रा प्रदेश के 15 जिलों की 36 विधानसभाओं से होकर गुजरेगी। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपने निवास से यात्रा को रवाना करते हुए कहा कि वन अधिकार कानून बनाकर हमने सबसे पहले कमजोर वर्ग को सुरक्षा दी। जो भी वन कानून बने हैं वे कांग्रेस पार्टी ने बनाए हैं। इस यात्रा का मकसद वन अधिकारों की बात को जनता तक पहुंचाना है।
यह यात्रा छिन्दवाडा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, रीवा, सीधी, सिंगरौली होते हुए चित्रकुट में 19 सितम्बर को यात्रा का समाप्त होगी।
बता दें मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से 82 सीटें आरक्षित हैं। जिसमें 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा प्रदेश की 100 से अधिक सीटों पर आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएंगी। यही कारण है कि बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों की नजर आदिवासियों को साधने पर है।