जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी में बिना परीक्षा दिए ही पास हो गए छात्र, NSUI ने विश्वास सारंग को बताया घोटाले का मास्टरमाइंड

जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्क्सशीट घोटाला उजागर, पेपर सेटिंग से लेकर मार्क्सशीट जारी करने तक में फर्जीवाड़ा, NSUI मेडिकल विंग ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर लगाया मिलीभगत का आरोप

Updated: Aug 13, 2021, 05:59 AM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश के एकलौते मेडिकल यूनिवर्सिटी में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है। जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी में उन मेडिकल स्टूडेंट्स को भी पास कराया गया जिन्होंने कभी परीक्षा ही नहीं दी। फर्जी मार्क्सशीट को लेकर जांच कमेटी की रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने इसे व्यापम से भी बड़ा घोटाला करार देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को इसका मास्टरमाइंड करार दिया है।

मेडिकल यूनिवर्सिटी में नंबरों की हेराफेरी की जांच करनेवाले कमेटी ने पाया है कि विश्वविद्यालय में पेपर सेटिंग से लेकर कॉपी जांचने, रीवैल्यूएशन और मार्कशीट जारी करने तक, बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों और माइंड लॉजिक्स कंपनी की मिलीभगत से इस पूरे खेल को अंजाम दिया गया। माइंड लॉजिक्स ही वो कंपनी है जिसे यूनिवर्सिटी ने एग्जाम से संबंधित ठेका दिया था। यह रिपोर्ट अनिमितताओं की जांच कर रही कमेटी द्वारा हाईकोर्ट में पेश किया गया है।

इस फर्जीवाड़े की जांच कर रही कमेटी ने यह भी पाया है कि यूनिवर्सिटी ने कई ऐसे बच्चों को पास कर उन्हें मार्क्सशीट दिया गया, जो कभी परीक्षा में भी शामिल ही नहीं हुए। हैरानी की बात ये है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोपी कंपनी के खिलाफ एफआईआर करने की बजाए सिर्फ ठेका निरस्त किया। हद्द तो तब हुई जब कंपनी ही यूनिवर्सिटी के खिलाफ हाईकोर्ट चली गई और कोर्ट में यूनिवर्सिटी प्रशासन को जवाब तक देते नहीं बन रहा है।

छात्र संगठन एनएसयूआई की मेडिकल विंग ने इस पूरे मामले को व्यापम से भी बड़ा घोटाला बताते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर आरोप लगाया है। एनएसयूआई मेडिकल विंग के स्टेट कोऑर्डिनेटर रवि परमार ने कहा, 'प्रदेश के मेडिकल एजुकेशन में माफियाओं का बोलबाला है। शिक्षा माफियायों ने मेडिकल एजुकेशन में लूट मचा रखी है। माफियाओं के सरगना हमारे चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ही हैं। फर्जी डिग्री और मार्क्सशीट बनवाकर विश्वास सारंग करोड़ों रुपए की उगाही करने में संलिप्त हैं।'

विश्वास सारंग के मिलीभगत की जांच हो- NSUI

एनएसयूआई ने विश्वास सारंग की मिलीभगत की जांच की मांग की है। रवि परमार ने कहा, 'आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि जांच के बीच कमेटी के अध्यक्ष जो कि यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार हैं, उन्हें ही हटा दिया गया। ये मंत्री जी के निर्देश के बिना कतई संभव नहीं है। हम मांग करते हैं कि यूनिवर्सिटी और कंपनी के अलावा विश्वास सारंग की मिलीभगत जांचने के लिए भी कमेटी गठित की जाए। और जब तक जांच पूरी न हो सारंग अपने पद से इस्तीफा दें।'

मामले पर मंत्री विश्वास सारंग से जब पूछा गया कि डॉक्टर और नर्स पैसे देकर पास हो रहे हैं, तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच कमेटी अध्यक्ष को हटाए जाने के मामले को उन्होंने आश्चर्यजनक बताया और कहा कि दोषियों को सजा दी जाएगी। बता दें कि यह मध्य प्रदेश की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी है, जिसके अंतर्गत प्रदेश की 750 नर्सिंग कॉलेज, मेडिकल, पैरामेडिकल, डेंटल कॉलेज आते हैं।