मशहूर संत सियाराम बाबा का निधन, मोक्षदा एकादशी के दिन परमब्रह्म में विलीन हुए

बुधवार शाम को खरगोन के भट्यान स्थित आश्रम के पास ही नर्मदा नदी किनारे वे पंचतत्व में विलीन होंगे। उनके निधन की खबर के बाद बड़ी संख्या में भक्तों के आश्रम पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।

Updated: Dec 11, 2024, 11:16 AM IST

खरगोन। निमाड़ के मशहूर तपस्वी संत सियाराम बाबा ने आज बुधवार को मोक्षदा एकादशी पर सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर सुबह देह त्याग दी है। वे कुछ दिनों से बीमार थे, आश्रम में ही उनका इलाज चल रहा था। रात को उनकी हालत काफी कमजोर हो रही थी और उन्होंने कुछ भी नहीं खाया था। उनके निधन की खबर मिलते ही खरगोन के भट्यान स्थित आश्रम में भक्तों पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। दोपहर तीन बजे उनका डोला निकलेगा।

सियाराम बाबा की अंत्येष्टी बुधवार शाम को आश्रम के समीप नर्मदा नदी किनारे की जाएगी। उनके निधन की खबर के बाद बड़ी संख्या में भक्तों के आश्रम पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। बता दें कि बाबा को निमोनिया हो गया था, लेकिन वे अस्पताल में रहने के बजाए आश्रम में रहकर अपने भक्तों से मिलना चाहते थे। इस कारण चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था।

संत सियाराम बाबा ने नर्मदा किनारे अपने आश्रम बनाया। उनकी उम्र 100 साल से ज्यादा थी। बताया जाता है कि बाबा ने बारह वर्षों तक मौन भी धारण कर रखा था। जो भक्त आश्रम में उनसे मिलने आता है और ज्यादा दान देना चाहता थे तो वे इनकार कर देते थे। वे सिर्फ दस रुपये का नोट ही लेते थे। उस धनराशि का उपयोग भी वे आश्रम से जुड़े कामों में लगा देते थे। बाबा ने नर्मदा नदी के किनारे एक पेड़ के नीचे तपस्या की थी और बारह वर्षों तक मौन रहकर अपनी साधना पूरी की थी। मौन व्रत तोड़ने के बाद उन्होंने पहला शब्द सियाराम बाबा कहा तो भक्त उन्हें उसी नाम से पुकारने लगे। 

सियाराम बाबा की अंत्येष्टी के लिए सेवादारों ने चंदन की लकड़ी की व्यवस्था की है। बीते तीन दिन से आश्रम में एकत्र भक्त उनके स्वास्थ्य के लिए जाप कर रहे थे और भजन गा रहे थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद डाक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखे हुए थे। आज शाम को सीएम यादव बाबा से मुलाकात करने वाले थे, लेकिन अब वे उनके अंतिम दर्शन के लिए आ सकते हैं।

सियाराम बाबा के निधन से देशभर में मौजूद उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शोक जताते हुए लिखा कि जिनके रोम रोम में राम बसते थे, ऐसे महान तपस्वी संत, पूज्य सियाराम बाबा जी ने आज मोक्षदा एकादशी पर अपनी देह त्याग दी है। हमें नर्मदा परिक्रमा के दौरान उनके साक्षात दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। मैं बाबा जी के श्रीचरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम करता हूँ। विनम्र श्रद्धांजलि।

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वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लिखा कि, 'हम सब के आराध्य, निमाड़ के महान संत श्री सियाराम बाबा जी ने आज बुधवार को प्रातः काल अपने मनुष्य शरीर का त्याग कर परम तत्व में विलीन हो गए। उनके जीवन का हर पल भक्ति के लिए समर्पित रहा। बाबाश्री सदैव हम सब निमाड़ वासियों की स्मृतियों में सूक्ष्म रूप में विद्यमान रहेंगे और अपने आशीर्वाद से हम सबका मार्गदर्शन करते रहेंगे।'