MP: लागत मूल्य न मिलने पर फूट-फूटकर रोया किसान, फिर गम भुलाने के लिए ढोल बुलाकर जमकर नाचा

मध्य प्रदेश में लहसुन किसानों पर आफत, फायदा तो दूर लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा, व्यापारी चढ़ने नहीं देते हैं रेट, जावरा मंडी में तीन रुपए किलो बिका लहसुन 

Updated: Apr 07, 2022, 12:05 PM IST

रतलाम। अच्छी उपज होने के बावजूद मध्य प्रदेश के किसानों की परेशानियां खत्म नहीं हो रही है। यहां की मंडियों में लहसुन का रेट लागत मूल्य से भी कम मिल रहा है। जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। रतलाम जिले के जावरा मंडी में एक किसान से लहसुन 3 रुपए किलो में खरीदा गया। जिससे किसान फूट-फूटकर रोने लगा। इसके बाद अपना गम भुलाने के लिए उसने ढोल बुलाकर बजवाए और जमकर नाचा।

जानकारी के मुताबिक जावरा कृषि मंडी में मंगलवार को एक किसान को लहसुन 300 रुपए प्रति क्विंटल बेचना पड़ा है। व्यापारियों ने इतना ही रेट लगाया। लागत से भी कम मूल्य मिलने पर किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ा और वह मंडी में ही फुट-फूटकर रोने लगा। किसान की पहचान तो नहीं हो पाई लेकिन बाद में उसने गम को भुलाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया। 

दरअसल, किसान ने कृषि मंडी से गुजर रहे एक ढोल वादक को बुलाया और ढोल बजवाकर रोते हुए लहसुन के ऊपर खड़े होकर खूब नाचा। लहसुन पर नाचते हुए किसान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ढोलवादक फकीरचंद्र ने बताया कि मैं आरती के बाद मंडी से गुजर रहा था तभी उस किसान ने मुझे रोककर ढोल बजवाया।

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बता दें कि जावरा की कृषि मंडी में अभी हर दिन 8 से 10 हजार कट्टे लहसुन की आवक हो रही है। लेकिन किसानों को उचित मूल्य नसीब नहीं हो रहा है। जानकार बताते हैं कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि व्यापारी रेट बढ़ने ही नहीं दे रहे हैं। सभी जिलों के व्यापारियों का आपस में गठजोड़ है और वे किसानों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। 

दो दिन पहले ही रतलाम के आलोट मंडी में दाम कम मिलने से नाराज किसानों ने मंडी गेट बंद कर सड़क पर चक्काजाम कर दिया। किसानों का कहना था कि व्यापारी मनमर्जी से दाम तय कर रहे हैं। पुलिस व प्रशासन की समझाइश के बाद किसानों ने जाम खत्म किया। व्यापारियों ने पहले जो लहसुन छह सौ रुपये क्विंटल में खरीदा था, वहीं लहसुन प्रदर्शन के बाद 1100 रुपये क्विंटल में खरीदने लगे।