ग्वालियर: जिसने वोट देकर मंत्री बनाया, उस पीड़ित को मदद की जगह मिले धक्के, हताश बुजुर्ग ने लगाई फांसी

कैंसर पीड़ित लाचार बुजुर्ग के शरीर में पड़ने लगे थे कीड़े, हो रहा था असहनीय दर्द, बीजेपी के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से थी काफी उम्मीदें, लेकिन मदद तो दूर गेट से धक्के मारकर भगाया गया शख़्स

Updated: Apr 05, 2021, 04:50 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक कैंसर पीड़ित बुजुर्ग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने का कारण यह था कि जिसे उन्होंने वोट देकर मंत्री के पद तक पहुंचाया उसने जरूरत पड़ने पर मदद तो दूर गेट से ही बाहर भगा दिया। इसी बात को लेकर हताश बुजुर्ग ने लोहे की कील से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र का है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक सेवानगर में रहने वाले बलराम शाक्य पिछले दो साल से कैंसर से पीड़ित थे। स्थानीय विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने उनसे वादा किया था कि उपचुनाव जितने के बाद वह उसका इलाज करवा देंगे। मजदूर बलराम को प्रद्युम्न तोमर से काफी उम्मीदें थी। उसके परिजनों ने भी बढ़चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया और तोमर चुनाव जीतकर शिवराज कैबिनेट में मंत्री बने।

इधर बलराम शाक्य की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही थी। कैंसर की वजह से उनके शरीर में कीड़े पड़ने लगे थे और दर्द असहनीय होता जा रहा था। दर्द की वजह से वे मजदूरी करने भी नहीं जा सकते थे। ऐसे में परिवार चलाना और असहनीय पीड़ा के साथ जीवन यापन दोनों मुश्किल हो गया था। बलराम शाक्य के परिजनों ने बताया कि वह मदद की गुहार लेकर बीजेपी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के यहां पहुंचे। तोमर के बंगले पर उनसे मुलाकात नहीं हुई। 

बलराम इसके बाद तोमर से मिलने की काफी कोशिशें की लेकिन न मुलाकात हुई और न ही फोन कॉल पर बात हो सकी। इतना ही नहीं जब वे तोमर के कांच मिल स्थित निज निवास पर गए तब उनके स्टाफ में गेट से ही धक्के मारकर भगा दिया। इसी बात से हताश होकर बुजुर्ग ने रविवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

जिसने पैसे के लिए मां समान पार्टी को छोड़ा उससे क्या उम्मीद- NSUI

मामले पर मध्यप्रदेश NSUI के प्रदेश प्रवक्ता सुहृद तिवारी ने कहा है कि जो पैसे के लिए मां समान पार्टी का त्याग कर सकता है उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है। तिवारी ने ट्वीट किया, 'जो 35 करोड़ में बिक गए थे फिर भी जनता ने चुनाव जिताया। आज उस पैसे का 0.01 फीसदी भी खर्च कर दिए होते तो बुजुर्ग की जान बच गई होती। शर्म करो प्रद्युम्न जी। जो पैसे के लिए मां समान पार्टी का त्याग कर सकता है, उससे उम्मीद भी क्या रखी जा सकती है?' 

इस घटना से आक्रोशित मृतक बलराम के परिजनों ने बीजेपी मंत्री तोमर के घर के बाहर शव रखकर धरना दिया। शव का परीक्षण के बाद मृतक के परिजन ऊर्जा मंत्री के शासकीय आवास पहुंचे और गेट के बाहर शव को रख दिया। मृतक के परिजनों का कहना था की उनके मौत का जिम्मेदार बीजेपी नेता हैं। इस दौरान रोड पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, थोड़े देर बाद प्रशासन ने उन्हें वहां से हटाकर अंतिम संस्कार के लिए भिजवाया।