जमीन घोटाले में फंसे मंत्री गोविंद राजपूत की बढ़ी मुश्किलें, अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा किसान अपहरण का मामला

पिछले 6 साल से लापता किसान मान सिंह पटेल के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उनके पिता के अपहरण के पीछे परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का हाथ है।

Updated: Jan 05, 2023, 03:19 PM IST

भोपाल। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और मध्यप्रदेश सरकार के राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। जमीन घोटाले का आरोप झेल रहे गोविंद सिंह पर अब किसान के अपहरण करने का आरोप लगा है। दरअसल, पिछले 6 साल से लापता सागर के किसान मान सिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उनके पिता के अपहरण के पीछे परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का हाथ है।

यह पूरा मामला साल 2016 का है। तब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर सागर के पिली रोड पर स्थित उनके कॉलेज से लगी हुई एक जमीन को हड़पने के आरोप लगे थे। ये जमीन मानसिंह पटेल नाम के शख्स की थी जो जमीन पर सब्जी उगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। इस जमीन की कीमत 1.11 करोड़ रुपए बताई गई है। इसी जमीन पर मंत्री राजपूत का केम्ब्रिज स्कूल बना हुआ था।

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आरोप है कि बीजेपी मंत्री ने अवैध तरीके से यह जमीन अपने नाम करा लिया है। जब किसान मान सिंह को यह पता चला कि जमीन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के नाम ट्रांसफर हो चुकी है तब उन्होंने तहसीलदार व सिटी मजिस्ट्रेट के यहां आवेदन दिया था। इस मामले में गोविंद सिंह ने भी माना था कि उन्हें इस बात का पता नहीं है कि कैसे मानसिंह की जमीन उनके नाम पर हो गई। इसके बाद मामले को लेकर समझौता करने के लिए मानसिंह को गोविंद सिंह राजपूत द्वारा बुलाए जाने की बात सामने आई है। 

जानकारी के मुताबिक उसके बाद से किसान मान सिंह पटेल लापता हैं। पिछले 6 साल से वह घर नहीं लौटे हैं। अब उनके बेटे सीताराम पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उनके पिता के अपहरण के पीछे परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का हाथ है। साथ ही ये भी मांग की है कि उसके पिता मानसिंह को कोर्ट में पेश किया जाए।

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सीताराम पटेल और उनकी पत्नी ने यह भी आरोप लगाए हैं कि मंत्री गोविंद सिंह की ओर से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। हर दो चार दिनों में दो चार लोग आते हैं और धमकाते हैं कि अगर इस मामले की शिकायत लेकर कहीं भी गए तो जान से हाथ धो बैठोगे। उन्होंने दावा किया कि इसी तरह मंत्री गोविंद राजपूत के गुर्गे उनके पिता को भी धमकी देते थे। इसके बाद से वह गायब हैं।

बता दें कि दो हफ्ते पहले ही विपक्ष ने विधानसभा में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा करोड़ों की जमीन हड़पने का मुद्दा उठाया था। दरअसल, बीजेपी मंत्री को 58 साल की उम्र में ससुराल की ओर से 50 एकड़ जमीन दान में मिली है। बीजेपी के ही पूर्व नेता राजकुमार धनोरा ने इस मामले में आरोप लगाया था कि मंत्री ने अपनी काली कमाई से अपने सालों के नाम से करोड़ों रुपए की जमीन खरीदी। अगले साल फिर उसी जमीन को दान पत्र लिखवा कर अपने आप को दान करवा लिया। धनोरा ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से भी की है। 

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राजकुमार धनोरा के मुताबिक उन्होंने ही इस जमीन घोटाले को उजागर किया था। इसके बाद से उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। धनोरा के मुताबिक इस हाई प्रोफाइल घोटाले का खुलासा करने के बाद से मंत्री और उनके परिवार के लोग मेरी और मेरे परिवार की हत्या की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने सरकार से सुरक्षा मांगी है। बता दें कि राजकुमार सिंह धनोरा भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 1994 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे। लेकिन दो महीने पहले गोविंद सिंह राजपुर के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लिखने के कारण उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।